आजतक के 'ऑपरेशन आम आदमी' का जबर्दस्त असर देखने को मिल रहा है. घंटे भर में दिल्ली जलबोर्ड के तीन अधिकारियों को सस्पेंड किया जा चुका है, तीनों के खिलाफ एंटी करप्शन विभाग में केस भी दर्ज कर लिया गया है और किसी भी समय इनकी गिरफ्तारी हो सकती है.
दिल्ली जलबोर्ड के अधिकारी विनोद कुमार, मीटर रीडर अतुल प्रकाश और कापासहेड़ा के घूसखोर पटवारी सुनील कुमार को सस्पेंड किया जा चुका है. इतना ही नहीं दिल्ली जलबोर्ड के 800 कर्मचारियों का तबादला भी कर दिया गया है.
दिल्ली के शिक्षा और शहरी विकास मंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि किसी भी भ्रष्टाचारी को बक्शा नहीं जाएगा. सिसोदिया ने आजतक का धन्यवाद करते हुए कहा कि ऐसे जितने भी मामले होंगे उनपर कार्रवाई जरूर होगी. मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी आजतक को इस स्टिंग ऑपरेशन के लिए बधाई दी है.
उन्होंने कहा, 'घूसखोरियों के खिलाफ शुरुआती कार्रवाई से हमने सभी अधिकारियों को कड़ा संदेश दिया है कि अब उन्हें समझना होगा कि भ्रष्टाचार के दिन खत्म हो रहे हैं. और साफ राजनीति का समय आ गया है.'
AAP के राज में भ्रष्टाचार के खिलाफ पहली कड़ी कार्रवाई
आम आदमी पार्टी के राज में भ्रष्टाचार के खिलाफ पहली बड़ी कार्रवाई हुई है. लैंड एंड बिल्डिंग के डिप्टी सचिव केके गोस्वामी, हाउस एंड टैक्स विभाग के एमसीडी किरण तनेजा और विज्ञापन विभाग के एमसीडी जे एल कथूरिया को गिरफ्तार कर लिया गया है. इन तीनों पर एक वसीयत धोखाधड़ी में शामिल होने का आरोप है. मामला तो एक साल पहले ही दर्ज हुआ था लेकिन अफसर बड़े थे, तो अब तक कार्रवाई नहीं हुई. दिल्ली में सरकार बदली और भ्रष्टाचार करने वालों के खिलाफ माहौल बदला. एंटी करप्शन ब्रांच हरकत में आई और तीनों की गिरफ्तारी मुमकिन हुई. दरअसल गोस्वामी पर आरोप है कि 2011 में जब वो सब-रजिस्ट्रार के पद पर सीलमपुर कोर्ट में तैनात थे, तब उन्होंने अपने पद का गलत इस्तेमाल करते हुए एक साउथ दिल्ली के पंचशील एन्क्लेव की एक फर्जी वसीयत को रजिस्टर कर दिया था. जे एल कथूरिया और और किरण तनेजा ने वसीयत की म्यूटेशन कर दी थी. गिरफ्तारी के बाद तीनों को तीस हजारी कोर्ट में पेश किया गया. कोर्ट ने तीनों को 14 दिन की कस्टडी में भेज दिया है. इस मामले में अभी और भी गिरफ्तारी होनी बाकी है.
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