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दिल्ली: विवाद के बीच पद्मावत रिलीज, पुलिस ने कहा- बिना डरे देखें फिल्म

पुलिस प्रशासन का कहना है कि करणी सेना की धमकी का कोई असर नहीं होने दिया जाएगा. पुलिस उनसे निपटने के लिए पूरी तरह तैयार है. जो भी पद्मावत देखना चाहता है वह आकर बिना किसी डर के फिल्म देख सकता है.

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सिनेमाघरों के बाहर कड़ी सुरक्षा व्यवस्था
सिनेमाघरों के बाहर कड़ी सुरक्षा व्यवस्था

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संजय लीला भंसाली की फिल्म 'पद्मावत' गुरुवार को रिलीज हो गई. दिल्ली में कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच इस फिल्म की स्क्रीनिंग की गई. दिल्ली के कनॉट प्लेस की पीवीआर रिवोली में पद्मावत चल रही है, लेकिन विरोध को देखते हुए हॉल के बाहर फिल्म के पोस्टर नहीं लगाए गए हैं.

बता दें, पीवीआर रिवोली में 329 लोगों की बैठने की व्यवस्था है, लेकिन फिल्म पर विवाद और करणी सेना की धमकी की वजह से आधे से भी कम लोग फिल्म को देखने आए हैं.

पुलिस प्रशासन का कहना है कि करणी सेना की धमकी का कोई असर नहीं होने दिया जाएगा. पुलिस उनसे निपटने के लिए पूरी तरह तैयार है. जो भी पद्मावत देखना चाहता है वह आकर बिना किसी डर के फिल्म देख सकता है. वहीं, सिनेमा हॉल मालिकों को ये उम्मीद है कि आने वाले शो में ज्यादा दर्शक आएंगे.

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फिल्म पद्मावत देखकर आए कुछ युवा लोगों का कहना है कि इस फिल्म में कोई भी विवाद नहीं है. राजपूतों की गरिमा दिखाई गई है. करणी सेना ने सवाल और विवाद खड़ा किया है वो फिजूल है. इसमें ऐसी कोई बात नहीं है, जिसको लेकर इतना हल्ला किया जाए.

कुछ युवक युवतियों का कहना है कि करणी सेना को यह सब बंद कर देना चाहिए और लोगों को फिल्म देखने देनी चाहिए. क्योंकि बहुत अच्छी फिल्म है. इसमें महारानी पद्मावती की गरिमा और शान दिखाई गई है. जो सवाल और विवाद करणी सेना ने उठाए हैं वह एकदम गलत हैं. इस फिल्म में ऐसा कुछ नहीं है, जिसको लेकर वह लोग विवाद खड़ा करें.

उपद्रवियों ने किया स्कूल बस पर हमला

बता दें, पद्मावत विरोध के बीच रिलीज हो गई है. करणी सेना इस फिल्म को लेकर गुस्से में है और देश के कई राज्यों में हिंसक रवैया अख्तियार किए हुए हैं. दिल्ली से सटे गुरुग्राम में करणी सेना के कथित कार्यकर्ताओं ने बुधवार को एक स्कूल बस पर हमला कर दिया. इतना ही नहीं कई शहरों में सिनेमाघरो में तोड़फोड़ भी की गई.

गुजरात के अहमदाबाद में की आगजनी

वहीं, गुजरात के अहमदाबाद में आगजनी की बड़ी घटना को भी अंजाम दिया गया था. यहां करणी सेना के सदस्यों ने एक मॉल में ही आग लगा दी थी. बेकाबू भीड़ को नियंत्रित करने के लिए पुलिस को दो राउंड फायरिंग तक करनी पड़ी. आग की चपेट में मॉल और आसपास की दुकानें भी आ गईं.

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बवाल पर बीजेपी सरकार खामोश

पद्मावत फिल्म को लेकर बीजेपी के केंद्रीय नेतृत्व और मोदी सरकार पूरी तरह से खामोशी अख्तियार किए हुए हैं. वहीं, बीजेपी शासित मध्य प्रदेश, राजस्थान, हरियाणा, गुजरात और गोवा की सरकारों ने इस फिल्म को बैन भी कर दिया था. लेकिन सुप्रीमकोर्ट ने इस बैन को गलत बताते हुए फिल्म को पूरे देश में रिलीज करने के आदेश दिया. इसके बाद भी इन राज्यों ने फिल्म न दिखाए जाने के लिए सुप्रीमकोर्ट में अपील दायर की थी. लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने फिल्म के रोक लगाने पर मना कर दिया.

क्यों है विवाद ?

कई बातों को लेकर विवाद है. आरोपों के मुताबिक फिल्म में अलाउद्दीन खिलजी को महिमामंडित किया गया है. खिलजी और रानी पद्मिनी के बीच ड्रीम सीक्वेंस फिल्माया गया है. रानी पद्मावती को उस तरह दिखाया गया जैसा राजपूत या राजपरिवारों में नहीं होता. घूमर डांस में भी राजपूत समाज की गलत प्रस्तुति हुई. कहा जा रहा कि पुरुषों के सामने रानियां डांस नहीं करती.

इस पुरानी कहानी पर आधारित फिल्म

ये फिल्म सात सौ साल पहले की एक कहानी पर बन रही है. हिंदी कवि मालिक मोहम्मद जायसी ने पद्मावत लिखी थी. इसमें रानी पद्मिनी और खिलजी का जिक्र है. कुछ लोग गल्प मानते हैं तो वहीं कई लोग इसे ऐतिहासिक कहानी बताते हैं. कहा जाता है कि खिलजी रानी पद्मिनी को लेकर आशक्त था. उसने मेवाड़ पर हमला कर दिया था. रानी पद्मिनी ने 16 हजार राजपूत महिलाओं के साथ जौहर कर लिया था.

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पद्मावत विवाद: कब क्या हुआ?

27 जनवरी 2017: जयपुर के जयगढ़ किले में फिल्म पद्मावती की शूटिंग के दौरान संजय लीला भंसाली को करणी सेना के युवकों ने थप्पड़ जड़ा. सेट पर तोड़फोड़ की गई. इसके बाद भंसाली ने जयपुर से पैकअप किया.

नवंबर, 2017: ट्रेलर रिलीज, करणी सेना ने कई शहरों में तोड़फोड़ की. घूमर गाने का विरोध किया गया. नतीजन फिल्म निर्माताओं को कई शॉट्स काटने पड़े.

1 दिसंबर, 2017: पद्मावत की रिलीज डेट थी. 17 नवंबर को ही सेंट्रल बोर्ड ऑफ फिल्म सर्टिफिकेशन ने आवेदन लौटा दिया. रिलीज़ पर रोक लगी.  

28 दिसंबर : विवाद बढ़ता देख सेंसर बोर्ड ने 3 इतिहासकारों को फिल्म दिखाई. नाम पद्मावती से पद्मावत किया गया. फिल्म में 5 बदलाव किये गए. रिलीज डेट 25 जनवरी तय की गई.

रिलीज़ डेट आते ही फिल्म को राजस्थान, मध्यप्रदेश, हरियाणा और गुजरात सरकार ने अपने यहां बैन कर दिया. फिर मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा.

18 जनवरी : सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया कि फिल्म 25 जनवरी को रिलीज की जाए. चार राज्यों द्वारा लगाए गए बैन को भी हटाया गया.

सरकार की पिटीशन खारिज: राजस्थान और मप्र सरकार ने आदेश पर रिव्यू पिटीशन दायर की. जिसे सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया. कोर्ट ने पद्मावत रिलीज़ करने वाले सिनेमाघरों को सुरक्षा देने का आदेश दिया.

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