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रिलीज के बाद भी पद्मावत पर बैन के लिए कोर्ट तक पहुुंची जौहर समिति, याचिका खारिज

ये याचिका चित्तौड़गढ़ के भगवान सिंह ने लगाई जो जौहर समिति संस्थान के जनरल सेक्रेटरी भी है. हालांकि हाई कोर्ट ने इस मामले में सुनवाई तो की, लेकिन कहा कि वह किसी तरह की कोई राहत याचिकाकर्ता को नहीं दे सकते.

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प्रतीकात्मक तस्वीर
प्रतीकात्मक तस्वीर

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यूं तो पद्मावत मूवी रिलीज़ भी हो गई है और लोग उसे पसंद भी कर रहे हैं. इस फिल्म को रुकवाने के लिए अभी भी कई लोग कोर्ट का रास्ता अख्तियार कर रहे हैं. रिलीज के चंद घंटे बाद ही दिल्ली हाईकोर्ट में एक और याचिका दाखिल की गई. इसमें कहा गया कि फ़िल्म को सेंसर बोर्ड से मिले सर्टिफिकेट को ही खारिज कर दिया जाए.

ये याचिका चित्तौड़गढ़ के भगवान सिंह ने लगाई जो जौहर समिति संस्थान के जनरल सेक्रेटरी भी है. हालांकि हाई कोर्ट ने इस मामले में सुनवाई तो की, लेकिन कहा कि वह किसी तरह की कोई राहत याचिकाकर्ता को नहीं दे सकते. याचिकाकर्ता को इसके लिए सुप्रीम कोर्ट में जाना चाहिए. जहां पद्मावती को लेकर पहले भी सुनवाई हो चुकी है.

इस याचिका में ना सिर्फ पद्मावत फ़िल्म को सेंसर बोर्ड से मिले सर्टिफिकेट को रद्द करने की मांग की गई थी बल्कि सिनेमेटोग्राफी एक्ट के सेक्शन 5-C को भी संविधान के आर्टिकल 14 का उल्लंघन मानने के लिए गुजारिश की गयी थी.

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