संजय लीला भंसाली की फिल्म पद्मावत के खिलाफ राजपूत संगठनों की लड़ाई राजस्थान से निकलकर मुंबई पहुंचने वाली है. राष्ट्रीय करणी सेना ने ऐलान किया है कि 12 जनवरी को लाखों की संख्या में देशभर से राजपूत मुंबई पहुंच कर सेंसर बोर्ड के अध्यक्ष प्रसून जोशी के कार्यालय का घेराव करेंगे. राष्ट्रीय करणी सेना के अध्यक्ष सुखदेव सिंह गोगामेड़ी ने ऐलान किया है कि देशभर के राजपूत 12 जनवरी को मुंबई पहुंच कर सेंसर बोर्ड के दफ्तर का घेराव करेंगे और सरकार को फिल्म रिलीज करने से रोकने पर मजबूर कर देंगे.
राजस्थान में मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने फिल्म के प्रदर्शन को बैन कर दिया है, लेकिन देश के दूसरे हिस्सों में 25 जनवरी को फिल्म के रिलीज होने की खबर आ रही है. इस बीच प्रसून जोशी का बयान आया है कि फिल्म में नाम बदलने के अलावा और कोई कट नहीं है, जिसके बाद करणी सेना नाराज है.
करणी सेना ने मुंबई और दिल्ली जाकर सेंसर बोर्ड के खिलाफ मोर्चा खोलने के लिए राजपूतों से आवाहन किया है. इसके साथ ही यह भी धमकी दी है कि जो भी सिनेमा हॉल राज्य के किसी भी हिस्से में पद्मावत फिल्म को दिखाएगा तो उनके यहां तोड़ फोड़ की जाएगी. सरकार नहीं मानी तो देशभर में हिंसक प्रदर्शन होंगे.
करणी सेना ने यह भी चेतावनी दी है कि अगर केंद्र की बीजेपी सरकार देशभर में पद्मावती फिल्म को रिलीज करने के लिए तैयार होती है तो चुनाव में भी राजपूत संगठन बीजेपी के खिलाफ मोर्चा खोलेंगे. इनका कहना है कि फिल्म का नाम पद्मावत रखने से कुछ भी नहीं बदलेगा, क्योंकि लोग जानते हैं फिल्म में रानी पद्मिनी की कहानी दिखाई जा रही है. करणी सेना के प्रतिनिधि एक शिष्टमंडल बनाकर देश के सभी राज्यों के मुख्यमंत्री से भी मिलेंगे.