पुलवामा हमले के बाद भारत और पाकिस्तान दोनों मुल्कों के बीच तनाव बढ़ गया है. हिंदुस्तान में पड़ोसी देश से बदला लेने की मांग उठ रही है. पाकिस्तान से पलायन करके हिंदुस्तान में बसने वाले पाकिस्तानी हिंदुओं के दिलों में भी पुलवामा हमले का दुख है. उनका कहना है कि पाकिस्तान को उनकी हरकतों की सजा मिलनी चाहिए.
नॉर्थ दिल्ली में मजनू का टीला इलाके में एक बस्ती है, जहां दुश्मन मुल्क पाकिस्तान से पलायन करके आए पाकिस्तानी हिंदू रहते हैं. वो पाकिस्तानी हिंदू जिनके पूर्वज वर्षों से पाकिस्तान के बाशिंदे थे लेकिन विभाजन के बाद इन हिंदुओं पर अत्याचार बढ़ने लगा तो इन्होंने हिंदुस्तान का रुख किया और भारत को ही अपना मानने लगे.
हालांकि दिल्ली में कई जगहों पर पाकिस्तान से पलायन करके आए पाकिस्तानी हिंदुओं ने अपनी बस्तियां बना ली हैं, लेकिन मजनू के टीले इलाके में जो बस्ती है, उसमें करीब 100 परिवार रहते हैं. जब पाकिस्तान में इनपर ज़ुल्म की इंतेहा हो गई तो साल 2011 में ये लोग टूरिस्ट वीजा पर दिल्ली आए और फिर वापस नहीं गए. यह हर साल अपनी वीजा अवधि बढ़वाते रहते हैं.
100 परिवारों की इस बस्ती में करीब 600 लोग रहते हैं और यहीं काम करके अपनी ज़िंदगी गुजार रहे हैं. वह इस बात से सुकून में हैं कि यहां इनकी ज़िंदगी को खतरा नहीं है. इनको काम धंधा करके पेट भर रोटी मिल रही है और बच्चे स्कूल जाकर पढ़ रहे हैं. जो पाकिस्तान में इन्हें कभी नहीं मिला और सबसे बड़ी बात यह की उन्हें हिंदुस्तान में सम्मान मिल रहा है. इस बस्ती में रहने वाले लोग सिंध पाकिस्तान में रहते थे. जो अपना घर-बार छोड़कर अब हिंदुस्तान में रहने लगे.
करीब 70 साल की बुजुर्ग महिला लिछवि तो पाकिस्तान से काफी आहत नज़र आईं. उनका कहना है कि वहां कोई सम्मान नहीं मिलता और वहां के लोग पाकिस्तानी हिंदुओं को काफिर कहकर बुलाते हैं. उनपर अत्याचार करते हैं.
पुलवामा हमले के बाद भारत में बसे पाकिस्तानी हिंदुओं के मन में गुस्सा है, उनका कहना कि जो पाकिस्तानी आतंकियों ने भारतीय सैनिकों पर जो कायराना हमला किया और कई घरों के चिरागों को बुझा दिया यह बहुत गलत है. पाकिस्तान को इसकी सजा जरूर मिलनी चाहिए. उनका कहना है कि पाकिस्तान को सबत तो मिले लेकिन जंग नहीं होनी चाहिए.