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75 सालों में, दिल्ली में आए बदलावों को बयान करेगा 'विभाजन म्यूजियम'

निर्माण एजेंसी से जुड़े शख्स ने आजतक को बताया है कि 15 अगस्त 1947 के पहले और बाद की दिल्ली कैसी थी? खासकर भारत विभाजन ने कैसे देश की राजधानी को बदल दिया, इस विषय पर 'विभाजन म्यूजियम' में खास जोर होगा.

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विभाजन म्यूजियम, दिल्ली
विभाजन म्यूजियम, दिल्ली
स्टोरी हाइलाइट्स
  • अंबेडकर यूनिवर्सिटी परिसर में बन रहा है म्यूजियम
  • दारा शिकोह के जीवन से जुड़े अवशेष भी होंगे
  • 15 अगस्त से जनता के लिए खोला जा सकता

देश की राजधानी में पिछले 75 साल में हुए बदलावों को एक म्यूजियम में उकेरा जा रहा है. दिल्ली का पहला और देश का दूसरा विभाजन पर आधारित म्यूजियम, पुरानी दिल्ली स्थित अंबेडकर यूनिवर्सिटी के दारा शिकोह लाइब्रेरी बिल्डिंग (डीएसएलबी) में बन रहा है. एजेंसियो का दावा है कि इसे आने वाली 15 अगस्त यानी स्वतंत्रता की 75 वीं सालगिरह पर आम लोगो के लिए खोल दिया जाएगा. आपको बता दें कि पंजाब के अमृतसर में दुनिया का पहला विभाजन संग्रहालय पहले ही बन चुका है.

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निर्माण एजेंसी से जुड़े शख्स ने आजतक को बताया है कि 15 अगस्त 1947 के पहले और बाद की दिल्ली कैसी थी? खासकर भारत विभाजन ने कैसे देश की राजधानी को बदल दिया, इस विषय पर 'विभाजन म्यूजियम' में खास जोर होगा. इसमें तीन विशेष संग्रहालय भी बनाए जाएंगे. लाइब्रेरी, कलाकृतियों के साथ ही इस इमारत में दारा शिकोह के महल और पुस्तकालय के अवशेषों को भी अलग-अलग संग्रहालयों में रखा जाएगा. आपको बता दें कि दारा शिकोह शाहजहां का बड़ा बेटा था.

इस मामले पर इतिहासकार फिरोज़ हमद बख्त ने प्रतिक्रिया देते हुए आजतक से कहा “विभाजन किसी भी तरह का हो अच्छा नही होता. लाखों लोग मारे गए थे. उस वक्त को याद करते हुए बख्त कहते हैं कि आईटीओ की एक्सप्रेस बिल्डिंग के पास उस वक्त शरणार्थियों के कैंप बने हुए थे. घटना ने दिल्ली को भी काफी बदल दिया. ऐसे में विभाजन के बार में जानना ही चाहिए इससे लोगों में मतभेद और मनभेद नही रहता है."

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