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यमुना की सफाई प्रवेश वर्मा के जिम्मे, प्रदूषण से मुक्ति का काम सिरसा को, CM रेखा के हवाले वित्त... जानें- किस मंत्री के सामने क्या चुनौती

मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने खुद वित्त विभाग अपने पास रखा है. यानी इसका मतलब यह हुआ कि दिल्ली की नई सरकार का पहला बजट वही विधानसभा में पेश करेंगी. दिल्ली का बजट पिछले वर्षों तक सरप्लस रहता था, लेकिन मौजूदा वित्तीय स्थिति बहुत अच्छी नहीं है. अब दिल्ली का हिसाब-किताब घाटे में चला गया है. दिल्ली में बीजेपी ने चुनाव के दौरान जितने वायदे किए हैं उन्हें पूरा करने के लिए अच्छे खासे फंड की जरूरत होगी.

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दिल्ली में बीजेपी सरकार की पहली कैबिनेट बैठक में आयुष्मान योजना को हरी झंडी दे दी गई. (PTI Photo)
दिल्ली में बीजेपी सरकार की पहली कैबिनेट बैठक में आयुष्मान योजना को हरी झंडी दे दी गई. (PTI Photo)

दिल्ली सरकार के मंत्रियों के बीच विभागों का बंटवारा कर दिया गया है. मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने सामान्य प्रशासन, सेवाएं, वित्त, राजस्व, महिला एवं बाल कल्याण, भूमि एवं भवन, जनसंपर्क, सतर्कता एवं प्रशासनिक सुधार जैसे विभाग अपने पास रखे हैं.वहीं अन्य छह मंत्रियों को सड़क, स्वास्थ्य, जल, गृह समेत महत्वपूर्ण विभागों की जिम्मेदारियां सौंपी गईं हैं. दिल्ली में 26 साल बाद भाजपा की सरकार बनी है. 

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दिल्ली विधानसभा चुनाव के दौरान बीजेपी ने जनता से कई बड़े वादे किए थे. नई सरकार की पहली कैबिनेट बैठक में इनमें से दो वादों को हरी झंडी मिल गई. मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने बताया कि कैबिनेट ने आयुष्मान भारत योजना को लागू करने को मंजूरी दे दी है. साथ ही कैग की 14 लंबित रिपोर्ट्स को भी विधानसभा के पहले सत्र में सदन के पटल पर रखने का फैसला कैबिनेट में हुआ. विभागों के बंटवारे के बाद समझिए कि कौन सी चुनौतियां किसके हिस्से में आई हैं...

दिल्ली को वित्तीय घाटे से बाहर निकालना

मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने खुद वित्त विभाग अपने पास रखा है. यानी इसका मतलब यह हुआ कि दिल्ली की नई सरकार का पहला बजट वही विधानसभा में पेश करेंगी. दिल्ली का बजट पिछले वर्षों तक सरप्लस रहता था, लेकिन मौजूदा वित्तीय स्थिति बहुत अच्छी नहीं है. अब दिल्ली का हिसाब-किताब घाटे में चला गया है. दिल्ली में बीजेपी ने चुनाव के दौरान जितने वायदे किए हैं उन्हें पूरा करने के लिए अच्छे खासे फंड की जरूरत होगी. दिल्ली के भीतर विकास के काम को आगे बढ़ाने के लिए कैपिटल एक्सपेंडिचर बढ़ाना होगा, जो तमाम योजनाओं के लिए सब्सिडी और महिलाओं को 2500 रुपये मासिक की आर्थिक मदद देने के बाद आसान नहीं होगा. 

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यमुना को साफ करने की जिम्मेदारी

नई दिल्ली से अरविंद केजरीवाल को हराने वाले प्रवेश साहिब सिंह वर्मा के पास जल विभाग की जिम्मेदारी रहेगी. दिल्ली जल बोर्ड इसी विभाग का हिस्सा है. यानी यमुना की साफ-सफाई और साथ ही साथ पूरी दिल्ली में पीने के पानी की आपूर्ति का चुनौती भरा काम प्रवेश वर्मा पर ही होगा. दिल्ली की पूरी कैबिनेट ने पहले ही दिन यमुना आरती में भाग लेकर यह साफ कर दिया की नदी को प्रदूषण मुक्त करना उनके एजेंडे में सबसे ऊपर रहने है. नई सरकार के कामकाज संभालने से पहले ही वह तस्वीर भी दिखाई पड़ी थी, जिसमें यमुना की सफाई का काम शुरू होता हुआ दिखाया गया था.

दिल्ली को प्रदूषण से छुटकारा दिलाना

दिल्ली में वायु प्रदूषण की समस्या सबसे बड़ी चुनौतियों में से एक है. खास तौर पर सर्दियों के मौसम में देश की राजधानी की हवा सांस लेने लायक नहीं होती है. मनजिंदर सिंह सिरसा नए पर्यावरण मंत्री होंगे. यानी दिल्ली की हवा साफ रहे उसकी जिम्मेदारी उन्हीं के कंधों पर होगी. पिछले दिनों सुप्रीम कोर्ट ने वायु प्रदूषण को कम करने के लिए दिल्ली सरकार को जमकर खरी-खोटी सुनाई थी. कई सारे प्रयोगों के बावजूद दिल्ली में हवा साफ करने में पिछली सरकारी कामयाब नहीं हो पाई. इसलिए मनजिंदर सिंह सिरसा पर यह बड़ी जिम्मेदारी रहेगी की प्रदूषण को कैसे दूर भगाया जाए.

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दिल्ली की परिवहन व्यवस्था में सुधार

दिल्ली के नए परिवहन मंत्री डॉ. पंकज सिंह होंगे. सार्वजनिक परिवहन को दुरुस्त करने की बड़ी जिम्मेदारी उनके कंधों पर आने वाले सालों में रहेगी. दिल्ली में पब्लिक ट्रांसपोर्ट की हालत काफी खराब है. बसों की खरीद से लेकर उनके संचालन तक पर कई गंभीर सवाल रहे हैं. दिल्ली में इलेक्ट्रिक बसें चलनी तो शुरू हुई हैं, लेकिन उनकी संख्या इतनी अधिक नहीं है कि दिल्ली की बढ़ती हुई आबादी की जरूरतों को पूरा किया जा सके. दिल्ली ट्रांसपोर्ट कॉरपोरेशन यानी डीटीसी भी काफी घाटे में चल रही है. उसके घाटे को कम करने की जिम्मेदारी भी पंकज सिंह पर होगी. इसके साथ मेट्रो फेज-4 की रफ्तार काफी धीमी चल रही है. आमतौर पर दिल्ली मेट्रो को समय से पहले अपने प्रोजेक्ट पूरा करने के लिए जाना जाता था, जो पिछले कुछ सालों में पूरी तरह पटरी से उतर गया.

पिछली सरकार के घोटालों की जांच

दिल्ली चुनाव में अरविंद केजरीवाल सरकार के घोटालों का मुद्दा लगातार छाया रहा. आबकारी नीति घोटाले के साथ-साथ मुख्यमंत्री आवास के निर्माण में भी गड़बड़ियों की शिकायतें लगातार सामने आईं. इन सभी मामलों की जांच का दायित्व विजिलेंस विभाग पर है. विजिलेंस विभाग खुद मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने अपने पास रखा है और इसलिए आने वाले दिनों में पिछली सरकार के कामकाज की जितनी भी जांच होगी उसकी निगरानी मुख्यमंत्री खुद करेंगी. दिल्ली सरकार की नई कैबिनेट ने पहले ही दिन 14 कैग रिपोर्ट पर भी चर्चा की. बीजेपी का दावा रहा है कि इन रिपोर्ट्स में AAP सरकार की कई सारी गड़बड़ियों की चर्चा है, जिसकी जांच होनी जरूरी है. दिल्ली की नई सीएम रेखा गुप्ता इन तमाम जांच को किस तरीके से आगे बढ़ाएंगी उस पर भी सबकी नजरें होंगी.

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दिल्ली की शिक्षा और स्वास्थ्य व्यवस्था 

आम आदमी पार्टी सरकार ने अपनी सबसे बड़ी कामयाबी शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में बताया. नई सरकार से भी अब यह उम्मीद रहेगी की शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में नए मानक तय किए जाएं. दिल्ली की नई कैबिनेट ने पहले ही दिन केंद्र सरकार की आयुष्मान योजना दिल्ली में लागू करने का फैसला किया है. दिल्ली के नए स्वास्थ्य मंत्री डॉक्टर पंकज सिंह पर दिल्ली की स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर करने की जिम्मेदारी होगी. शिक्षा के स्तर में बदलाव लाने के लिए और खास तौर पर स्कूल की शिक्षा को और बेहतर बनाने के लिए नए शिक्षा मंत्री आशीष सूद पर काफी दबाव रहेगा.

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