दिल्ली सरकार के कैबिनेट मिनिस्टर कैलाश गहलोत को राहत देते हुए 2015 के एक मामले में पटियाला हाउस कोर्ट ने उन पर लगाए गए आरोपों से बरी कर दिया है. 2015 में दिल्ली के चुनावों के दौरान कैलाश गहलोत पर चुनाव आयोग ने एक FIR दर्ज कराई थी. FIR में आरोप था कि चुनाव प्रचार के दौरान उन्होंने इलेक्शन कोड ऑफ कंडक्ट का उल्लंघन किया है.
इसमें कहा गया था कि वोटरों को लुभाने के लिए कैलाश गहलोत की तरफ से उन्हें फ्री में खाना बांटा गया, जबकि अपना पक्ष रखते हुए कोर्ट में कैलाश गहलोत के वकील की तरफ से कहा गया कि वह खाना बांटा नहीं गया था बल्कि चुनाव प्रचार में आम आदमी पार्टी के उन कार्यकर्ताओं को खाना खिलाया गया था जो गहलोत के लिए प्रचार कर रहे थे.
पटियाला हाउस कोर्ट ने कैलाश गहलोत पर लगे सारे आरोपों को हटा दिया है. उन्होंने 'आज तक' से खास बातचीत में बताया कि आज के कोर्ट के आदेश से उन्हें राहत मिली है, क्योंकि उन्हें बार-बार कोर्ट के चक्कर नहीं लगाने पड़ते इसमें समय और पैसे दोनों की बर्बादी होती है. कैलाश गहलोत दिल्ली सरकार में परिवहन मंत्री के तौर पर काम कर रहे हैं.
कैलाश गहलोत को कोर्ट से दोहरी राहत मिली है. हाल ही में आम आदमी पार्टी के 20 विधायकों को लेकर दिल्ली हाइकोर्ट से आए फैसले में वो भी उन 20 विधायकों में शामिल थे, जिनको कोर्ट से राहत मिली थी और उनके खिलाफ बीजेपी के विधायकों ने भी याचिका लगाई थी कि उन्हें विधानसभा सत्र में ना जाने दिया जाए लेकिन हाइकोर्ट से 23 मार्च को आये फैसले ने उस याचिका को ही अर्थहीन कर दिया.