पटियाला हाउस कोर्ट ने दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया और आम आदमी पार्टी के नेता कुमार विश्वास और मुकेश हुड्डा को सार्वजनिक संपत्ति को गंदा करने के मामले में बरी कर दिया है. कोर्ट ने मामले में चार्जशीट का निर्धारित समय पूरा होने के बाद देरी से दायर करने को आधार बनाते हुए तीनों को बरी किया है.
6 अक्टूबर 2013 को पुलिसकर्मी की शिकायत पर मानसरोवर पार्क थाना पुलिस ने इस मामले में एफआईआर दर्ज की थी. आरोप था कि एक सरकारी स्कूल की दीवार पर आम आदमी पार्टी के दो पोस्टर लगे पाए गए. आरोप था कि इसे राजनीतिक लाभ पाने के इरादे से वहां लगाया गया था. पुलिस ने जो केस बनाया उसमें कहा गया कि तीनों आरोपियों ने दिल्ली प्रिवेंशन ऑफ डिफेसमेंट ऑफ प्रॉपर्टी ऐक्ट, 2007 की धारा 3 के तहत अपराध किया है.
आज तीनों को बरी करते हुए कोर्ट ने कहा कि पुलिस ने 30 मार्च 2015 को तीनों के खिलाफ चार्जशीट दायर की जो 1 साल 5 महीने लेट है. चार्जशीट में जो आरोप लगाए गए है उसमें अधिकतम सजा 1 साल की ही है. सीआरपीसी की धारा 468 के मुताबिक डीपीडीपी ऐक्ट की धारा 3 के तहत अपराध में चार्जशीट दायर करने की समय सीमा 1 साल है.
कोर्ट ने जांच अधिकारी को भी जमकर फटकार लगाई. जांच अधिकारी का कहना था कि संबंधित केस की फाइल उनसे गुम हो गई थी जो कई दिनों बाद दूसरी फाइलों के बक्से में मिली. पटियाला कोर्ट ने कहा कि अगर वजह ये है तो यह महज जांच अधिकारी की लापरवाही है जिसके लिए इस केस के जरिए आरोपियों को परेशान नहीं किया जा सकता.