मानहानि के केस में पटियाला हाउस कोर्ट ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को समन किया है. कोर्ट के नोटिस पर 30 अप्रैल को अरविंद केजरीवाल को कोर्ट में पेश होना होगा.
अरविंद केजरीवाल के अलावा पटियाला हाउस कोर्ट ने आम आदमी पार्टी के तीन और नेताओं को भी नोटिस भेज पेश होने के आदेश दिया है. जिसमें ईस्ट दिल्ली से इस बार लोकसभा चुनाव के लिए आम आदमी पार्टी की प्रत्याशी आतिशी मर्लिना, राज्यसभा सांसद सुशील गुप्ता और कोंडली से विधायक मनोज कुमार शामिल है.बीजेपी के नेता राजीव बब्बर की तरफ से मुख्यमंत्री के खिलाफ मानहानि का मुकदमा किया गया था. बीजेपी नेता का आरोप था कि मुख्यमंत्री ने सोशल मीडिया पर लोगों को बीजेपी के खिलाफ भड़काने का प्रयास किया. वोटरों को झूठ बोला कि वैश्य और कुछ और जातियों का वोट बीजेपी ने कटवा दिया है. राजीव बब्बर ने अपनी याचिका में कहा है कि यह पूरी तरह से मनगढ़ंत और बीजेपी को बदनाम करने की साजिश के तहत जानबूझकर किया गया है. जिसमें दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उनकी पार्टी के कुछ नेता शामिल हैं.
राजीव बब्बर का आरोप है कि आम आदमी पार्टी की तरफ से वोटरों के पास फोन जा रहे थे जिसमें आप के पार्टी कार्यकर्ता यह बता रहे थे कि उनके वोट को बीजेपी ने कटवा दिया है. लेकिन आम आदमी पार्टी ने उनके वोट को दोबारा वोटर लिस्ट में शामिल करा दिया है. इस तरह के फोन कॉल कुछ उन लोगों को भी गए जिनका वोटर लिस्ट में नाम कुछ और था जबकि फोन उन्हें किसी और वोटर के लिए किया गया. या फिर उनलोगों को जिनका नाम जगह बदलने के कारण पहले ही कट चुका था. और दूसरी जगह से बतौर वोटर वह अपना वोटर आईडी कार्ड बनवा चुके थे.
इतना ही नहीं बीजेपी के कुछ कार्यकर्ताओं के पास भी यह फोन चला गया. जिसके बाद दोनों पार्टियों के बीच में इसको लेकर घमासान छिड़ गया और मामला कोर्ट तक पहुंच गया.लेकिन इसमें सबसे दिलचस्प बात यह रही कि मानहानि केस मुकदमा के कोर्ट में आने के बाद जब कोर्ट में सुनवाई शुरू हुई और चुनाव आयोग को नोटिस कर कोर्ट ने उसका पक्ष जाना चाहा तो चुनाव आयोग ने कहा कि उनके पास वोटरों का कोई ऐसा डेटा ही नहीं है, जिसमें उनके जाति या धर्म को लेकर कोई जानकारी चुनाव आयोग के पास हो.