पटियाला हाउस कोर्ट में दो दिन पहले जेएनयू के छात्रों और मीडियाकर्मियों से हुई मारपीट मामले के मास्टरमाइंड का पता लगाने में 'आज तक' को कामयाबी मिली है. हालांकि अब तक वह पुलिस की गिरफ्त से दूर है.
'आज तक' से बातचीत के दौरान आरोपी विक्रम सिंह चौहान ने बार-बार यही बात दोहराते हुए कहा कि अगर लोगों ने देश विरोधी नारे लगाए तो वह आगे भी इसी तरह उनके साथ बर्ताव करेगा. उसने कहा, 'मैंने ही कन्हैया मामले की सुनवाई के दौरान दूसरे लोगों को कोर्ट पहुंचने के लिए कहा था, ताकि ऐसी स्थिति बनने पर नारे लगाने वालों को सबक सिखाया जा सके.'
बीजेपी का सदस्य होने से किया इनकार
विक्रम सिंह चौहान पेशे से वकील है और पटियाला हाउस कोर्ट में ही प्रैक्टिस करता है. उसने बीजेपी का सदस्य होने से इनकार किया है हालांकि उसके सोशल मीडिया पेजों में बीजेपी नेताओं के साथ उसकी काफी तस्वीरें हैं. यही नहीं, बीजेपी के कई कार्यक्रम में इनविटेशन भी मौजूद हैं.
'वो कोर्ट में देश विरोधी नारे लगा रहे थे'
विक्रम चौहान ने कहा कि वह पटियाला हाउस कोर्ट में कन्हैया की पेशी के दौरान एबीवीपी का पक्ष रखे जाने की मांग लेकर गया था. उसने कहा, 'जेएनयू से आए लोग कोर्ट में ही भारत विरोधी नारे लगाने लगे थे, जिससे मेरा गुस्सा भड़क गया.' उसने कहा कि विवाद तब बढ़ा जब उसने जेएनयू से आए लोगों को कोर्ट से बाहर जाने के लिए कहा.
जेएनयू के प्रोफेसर और छात्रों पर हमले की बात स्वीकार करते हुए चौहान ने कहा कि उसने हमला जरूर किया है लेकिन शुरूआत नहीं की.
दिल्ली पुलिस की कार्रवाई पर उठे सवाल
गौर करने वाली बात ये है कि विक्रम चौहान की ओर से इस तरह खुलेआम अपनी करतूत मानने, हमला करने की बात स्वीकार करने और आगे भी ऐसे हमले करने की चेतावनी देने के बाद भी पुलिस ने अब तक न तो उसे पकड़ा है और न ही पूछताछ के लिए बुलाया. जेएनयू मामले में तेजी से कार्रवाई कर रही पुलिस का इस मामले में रवैया पूरी तरह अलग दिख रहा है.