AAP संयोजक अरविंद केजरीवाल ने 23 जून को पटना में होने वाली महाजुटान से पहले विपक्षी नेताओं को चिट्ठी लिखी है. केजरीवाल ने आग्रह किया है कि विपक्षी पार्टियों की मीटिंग में अध्यादेश को संसद में हराने पर सबसे पहले चर्चा हो. केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली का अध्यादेश एक प्रयोग है, यह सफल हुआ तो केंद्र सरकार गैर बीजेपी राज्यों के लिए ऐसे ही अध्यादेश लाकर कॉन्करेंट लिस्ट के विषयों से राज्य सरकार का अधिकार छीन लेगी. अध्यादेश लागू होने पर दिल्ली से जनतंत्र खत्म हो जाएगा. केंद्र एलजी के जरिए सरकार चलाएगी. दिल्ली के बाद दूसरे राज्यों से जनतंत्र खत्म किया जाएगा. वह दिन दूर नहीं जब पीएम नरेंद्र मोदी 33 राज्यपालों और एलजी के माध्यम से सभी राज्य सरकारें चलाएंगे.
केजरीवाल अध्यादेश के खिलाफ अलग-अलग राजनीतिक दलों से मुलाकात कर रहे हैं. हालांकि उन्हें अभी तक कांग्रेस ने मुलाकात का वक्त नहीं मिल पाया है. केजरीवाल से मीडिया ने मंगलवार को जब पूछा गया कि 23 जून को विपक्षी दलों की बैठक है लेकिन केंद्र सरकार के मुद्दे को लेकर आम आदमी पार्टी को कांग्रेस का समर्थन अब तक नहीं मिल पाया है? उन्होंने जवाब देते हुए कहा कि विपक्षी दलों की बैठक में सारी पार्टियां कांग्रेस से पूछेंगी कि वह अपना स्टैंड बताएं. उस मीटिंग का सबसे पहला एजेंडा अध्यादेश होगा. मीटिंग में मैं संविधान लेकर जाऊंगा और सारी पार्टियों को समझाऊंगा कि दिल्ली के अंदर जनतंत्र को खत्म करने के लिए साजिश रची गई है.
केजरीवाल ने कहा कि यह ना समझें कि दिल्ली आधा राज है, इसलिए दिल्ली के बारे में अध्यादेश आया है. यह अध्यादेश तमिलनाडु, महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल और पंजाब में भी आ सकता है. पूर्ण राज्य वाले सत्ताधारी विपक्षी दलों की तरफ इशारा करते हुए केजरीवाल ने कहा कि केंद्र सरकार पूर्ण राज्य के अंदर भी अधिकार खत्म कर सकती है. इसमें बिजली शिक्षा जैसे कई विभाग शामिल हैं. राज्यसभा में बिल आता है तो उसे जीतने नहीं देंगे. हमें सुप्रीम कोर्ट के साथ-साथ पार्टियों से भी उम्मीद है.