पीएम नरेंद्र मोदी ने नोटबंदी को कड़क चाय से जोड़ा, तो चाय पर चर्चा एक बार फिर गरम हो गई है. दिलचस्प नज़ारा चुनाव आयोग के दफ्तर के पास पीएनबी के एटीम और ब्रांच के बाहर दिखा. यहां लोग घंटों से लाइन में लगे हुए थे, कई नाराज़ थे, तो कई बेचैन, क्योंकि लंबी लाइन में लगे घंटों गुज़र जाने के बाद उनका नंबर नहीं आ रहा था, इसी बीच कुछ हलचल हुई, तो लोगों में भी खलबली मच गई, लगा बैंक के भीतर से कुछ संदेशा आया है, लेकिन खबर ऐसी नहीं थी, लेकिन जो था उसने भी लोगों को निराश नहीं किया, क्योंकि राहत बै्क के अंदर से नहीं बाहर से आयी थी.
एक वैन में कुछ लोग खाने पीने का सामान लेकर पहुंचे और लोगों के बीच ब्रेड पकोड़ा और चाय बांटना शुरु कर दिया. घंटों तक लाइन में लगे लोगों को जहां पीने का पानी तक मुहैया नहीं था, वहां अब लाइन में लगे लोगों को मान मनुहार के साथ चाय और ब्रेड पकोड़ा बांटा जा रहा था. ये लोग दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेट की तरफ से यहां पहुंचे थे। बड़े बडे बर्तनों में ब्रेड पकोड़ा लाया गया था और कंटेनर में चाय.
घंटों से हैरान परेशान लोगों के लिए ये राहत अप्रत्याशित रही, क्योंकि उनकी उम्मीद तो सिर्फ नोटों पर टिकी थी, कि बैंक और एटीएम से उनके पैसे निकल जाएं और उनके पुराने नोटों के बदले नए नोट मिल जाएं. लेकिन ब्रेड पकोड़ा और चाय की राहत ने लोगों के चेहरे पर चमक ला दी. लोग अब चाय की चुस्कियों के बीच नोटबंदी पर चर्चा करने लगे. झल्लाहट गायब भले ही न हुई हो, लेकिन चर्चा करने की ताकत ज़रूर चाय ने ला दी. किसी ने पीएम मोदी पर बिना तैयारी के नोटबंदी लागू करने का इल्जाम लगाया, तो कोई काले धन के खात्मे की खातिर परेशानी सहन करने की बात कर रहा था.
इधर दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के प्रधान मनजीत सिंह जीके ने भी कहा कि उन्हें भी महसूस हो रहा है कि लोग लाइनों में लगकर परेशान हो रहे हैं. भूखे प्यासे लोगों को घंटों तक लाइन में लगना होता है, इसीलिए गुरुद्वारों के आसपास के इलाकों में वो चाय नाश्ते का प्रबंध करा रहे हैं, उनके मुताबिक ये मदद बहुत छोटी है, क्योंकि हर इलाके में लोग परेशान है, लेकिन कोशिश यही है कि जितना भी हो सके, लोगों की मदद कर पाएं.