दिल्ली मेट्रो ने सोमवार को एक वर्ल्ड रिकार्ड बनाया. सोमवार को मेट्रो के तीसरे फेज का ट्रायल शुरू हो गया. यह रूट केवल 24 महीनों में बन कर तैयार हो गया है, जो एक वर्ल्ड रिकार्ड है. डीएमआरसी के मैनेजिंग डायरेक्टर मंगु सिंह और चेयरमैन सुधीर कृष्णा ने ट्रायल रन को हरी झंडी दिखाई. केंद्रीय सचिवालय से मंडी हाउस तक लगभग 3 किलोमीटर लंबे रूट पर अगले तीन महीने तक ट्रायल रन होगा. मेट्रो का यह स्ट्रेच केंद्रीय सचिवालय से कश्मीरी गेट लाइन का हिस्सा है.
जमीन से करीब 15 मीटर नीचे इस लाइन में केंद्रीय सचिवालय, जनपथ और मंडी हाउस समेत कुल 3 स्टेशन हैं. इस लाइन के शुरू हो जाने से सबसे ज्यादा राहत बदरपुर से द्वारका-वैशाली-नोएडा की तरफ जाने वालों को मिलेगी जो राजीव चौक ना जाते हुए सीधे मंडी हाउस से मेट्रो बदल सकेंगे. फिलहाल इसके लिए लोगों को केंद्रीय सचिवालय और राजीव चौक पर दो बार मेट्रो बदलनी पड़ती है.
डीएमआरसी के मुताबिक इस स्ट्रेच का काम मेट्रो के अबतक के सभी चरणों में सबसे तेजी से हुआ है. डीएमआरसी के मैनेजिंग डायरेक्टर मंगु सिंह ने बताया, ‘हमने बहुत जल्दी इस रूट को तैयार किया है.’
डीएमआरसी के चेयरमैन सुधीर कृष्णा ने कहा, ‘हमने इस लाइन को सबसे कम समय में बनाया है जो अपने आप में मापदंड है.’
मेट्रो के कार्यकारी निदेशक अनुज दयाल ने कहा, '24 महीनों के भीतर बना यह फेज डीएमआरसी का सबसे तेज बनाया गया खंड है. मेरा विश्वास है कि यह दुनिया का सबसे तेज बना निर्माण है. और संभवतः यह वर्ल्ड रिकार्ड है.'
इस लाइन को पहले अक्टूबर 2014 में शुरू होना था लेकिन अब ये लाइन तय वक्त से 6 महीने पहले यानी मार्च 2014 तक शुरू कर दी जाएगी. मंडी हाउस स्टेशन इस लाइन में इंटरचेंज स्टेशन होगा. 2016 तक इस स्ट्रेच पर 70 हजार लोगों के यात्रा करने की संभावना है. इस फेज की शुरुआत के साथ ही 70 फीसदी दिल्ली मेट्रो के दायरे में आ जाएगा.