दिल्ली के सीआर पार्क से एक ऐसा मामला सामने आया है, जहां एक बच्चे को पीलिया के लक्षण होने के बाद उसे अस्पताल ले जाया गया तो डॉक्टरों ने कोरोना वायरस का संदेह जताकर उसे भर्ती करने से मना कर दिया. इसके बाद बच्चे के मामा ने घर पर ही मशीन बना दी.
दरअसल, यह मामला सीआर पार्क के काहौल परिवार का है, यहां 9 जून को जन्मे एक बच्चे की तबीयत अचानक से खराब हो गई. बच्चे में जॉन्डिस यानी पीलिया के लक्षण दिखे तो घरवाले अस्पताल ले गए. लेकिन कोरोना की वजह से अस्पतालों ने इलाज करने से मना कर दिया.
इसके बाद घर के ही एक सदस्य ने पीलिया बीमारी के इलाज में इस्तेमाल होने वाली फोटो थेरेपी मशीन को घर में ही बनाकर बच्चे का इलाज कर दिया.
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पेशे से कंप्यूटर साइंस इंजीनियर कणव काहौल के मुताबिक 9 जून को उनकी बहन की डिलीवरी हुई थी, लेकिन जन्म के चौथे दिन ही बच्चे का शरीर पीला पड़ने लगा और उसका जॉन्डिस लेवल बढ़ गया, जब हम अस्पताल पहुंचे तो अस्पताल में एडमिट करने से मना कर दिया.
जब अस्पताल से वापस किया गया तो कणव ने यह तय किया कि घर में ही पीलिया (जॉन्डिस) इलाज में इस्तेमाल होने वाली फोटो थेरेपी मशीन को बनाया जाए.कणव ने बताया कि वे केंद्र सरकार के एक प्रोजेक्ट से भी जुड़े हैं, जिसमें मेडिकल डिवाइस बनाने का काम चल रहा है. इसी हौसले के साथ इंटरनेट पर सर्च करके उन्होंने इस मशीन को बनाना शुरू कर दिया. और उन्होंने दो लाख की मशीन को दो हजार रुपये में बना दिया.