दिल्ली हाई कोर्ट में एक जनहित याचिका लगायी गयी है और याचिका में दावा किया गया है कि महात्मा गांधी की समाधि और उसके आस पास की हालत काफी खराब है. राजघाट गांधी स्मृति और केंद्र सरकार इसके रखरखाव पर ध्यान नहीं दे रही है.
याचिका लगाने वाले श्याम नारायण का कहना है कि वो खुद कई बार समाधि पर श्रद्धांजलि देने गए है. वहां वॉशबेसिन टूटा पड़ा है. पीने का पानी नहीं है. जगह-जगह कूड़ा फैला हुआ है. गंदगी के कारण बदबू भी आती है. याचिका के अनुसार समाधि पर केवल तभी सफाई होती जब वहां कोई वीआइपी आता है.
याचिकाकर्ता ने कहा है कि उन्होंने गांधी स्मृति के अलावा केंद्रीय शहरी मंत्रालय को इस बारे में कई शिकायत दी. लेकिन अभी तक दोनों ने इस विषय पर कोई ठोस कदम नहीं उठाया. ऐसे में अदालत यहां उचित व्यवस्था करने का आदेश जारी करे. यहां की बदहाल हालत देखकर काफी दुख होता है. यह पर्यटन स्थल है. देश-विदेश से लोग यहां आते हैं.
राजधाट की बदहाली को लेकर लगाई गयी जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान राजघाट समाधि कमेटी ने हाई कोर्ट को बताया कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की समाधी (राजघाट) के रखरखाव की पर्याप्त व्यवस्था है. इसका रखरखाव उचित तरह से किया जा रहा है. रोजाना आने वाले लोगों के चलते मामूली टूट-फूट है जिसे भी नियमित ठीक किया जाता है.
मुख्य न्यायाधीश जी. रोहिणी व न्यायमूर्ति संगीता ढींगरा सहगल की खंडपीठ के समक्ष कमेटी ने कहा कि केंद्रीय लोक निर्माण विभाग इसके रखरखाव के लिए जिम्मेदार है और यहां स्थित सभी कमियों को सुधार दिया गया है. ऐसे में राजघाट के बदहाल हालत को लेकर दायर याचिका को रद्द कर दिया जाए. जब समाधि पर कोई समस्या नहीं है तो इस याचिका पर सुनवाई करने का कोई औचित्य नहीं है. ये न्यायालय की प्रक्रिया के खिलाफ है. पेश मामले में श्याम नारायण नामक व्यक्ति ने याचिका दायर की है.