दिल्ली दंगों के मामले में आरोपी और पिंजरा तोड़ ग्रुप की सदस्य नताशा नरवाल को दिल्ली की कड़कड़डूमा कोर्ट ने जमानत दे दी है. नताशा पर दिल्ली में हुए दंगों के लिए लोगों को उकसाने का आरोप है. स्पेशल सेल द्वारा बुधवार को दाखिल की गई चार्जशीट में 15 लोगों को आरोपी बनाया गया है उसमें नताशा नरवार का नाम भी शामिल है. हालांकि नताशा को फिलहाल जमानत सीएए प्रदर्शन के दौरान हिंसा को बढ़ावा देने के मामले में मिली है.
कड़कड़डूमा कोर्ट के अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश अमिताभ रावत ने जमानत देते हुए अपने आदेश में कहा है कि अभियोजन पक्ष द्वारा दिखाए गए वीडियो में नरवाल को गैरकानूनी तरीके से सभा में भाग लेते हुए दिखाया गया है, लेकिन इस वीडियो के माध्यम से दिल्ली पुलिस यह दिखाने में नाकामयाब रही है कि वह दिल्ली हिंसा के मामले में भी लिप्त थी.
कोर्ट ने नताशा नरवाल को जमानत देते हुए कहा कि ना तो उसके देश से भागने का खतरा है और ना ही उसके खिलाफ दर्ज की गई एफआईआर में गवाहों के मुकरने की उम्मीद है. क्योंकि इस मामले में ज्यादातर गवाह या तो खुद पुलिसकर्मी हैं या फिर पुलिस के द्वारा सुरक्षा प्राप्त गवाह हैं. दिल्ली दंगों के मामले में पिंजरा तोड़ ग्रुप की दूसरी सदस्य देवांगना कलिता को कोर्ट पहले ही 1 सितंबर को जमानत पर रिहा कर चुकी है.
ऐसे में दंगों के मामले में समान आरोपों के चलते नताशा के लिए भी जमानत का रास्ता साफ हो गया था. कोर्ट ने अपने आदेश में दोनों को जमानत देते हुए कहा है कि सीएए प्रदर्शन के दौरान के वीडियो में पुलिस यह दिखाने में नाकामयाब रही कि ये दोनों हिंसा और घृणा फैलाने की कोशिश कर रही थीं. लेकिन इस मामले में जमानत पर रिहा होने के बावजूद, नरवाल को जेल से रिहा नहीं किया जाएगा, क्योंकि उसके खिलाफ गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम के तहत एक और प्राथमिकी दर्ज की गई है.
23 मार्च को नरवाल को जाफराबाद में कुछ एंटी-सीएए प्रदर्शनकारियों के खिलाफ दायर एक मामले के सिलसिले में गिरफ्तार किया गया था. हालांकि, उसे तुरंत जमानत पर रिहा कर दिया गया था. उसे जमानत पर रिहा किए जाने के कारण, दिल्ली दंगों के लिए उकसाने के आरोप में एक और प्राथमिकी दर्ज की गई थी और वह तब से न्यायिक हिरासत में है. दिल्ली दंगों को भड़काने के आरोप में नताशा पर दिल्ली पुलिस की तरफ से एफआईआर दर्ज की गई थी.