फरीदाबाद के एक गड्ढे ने वहां के प्रशासन और नगर निगम की खूब फजीहत कराई क्योंकि गड्ढे में गिरते लोगों की तस्वीर सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गई, लेकिन दिल्ली वाले क्या करें, जो हर सड़क पर गड्ढों से परेशान हैं. फरीदाबाद गड्ढे कांड के बाद जब 'आज तक' की टीम ने दिल्ली की सड़कों पर गड्ढों का रियलिटी चेक किया, तो एक नहीं सैंकड़ों गड्ढे दिल्ली सरकार और सिविक एजेंसियों की पोल खोलते नजर आए.
दिल्ली वालों का सड़कों पर चलना मुश्किल
बारिश का दिल्ली से नाता बड़ा अजीब है, ना हो तो लोग गर्मी और उमस से परेशान हो जाते हैं और हो जाए तो जलभराव की आफत होती है. अब इस अजीब रिश्ते में एक और चीज भी जुड़ गई है और वो है सड़कों की खस्ता हालत. बरसात के बाद दिल्ली की सड़कों की हालत खराब है और पूरी सड़कें गड्ढों से भर गई है. नतीजा ये है कि सड़कों पर गाड़ियों का चलना दूभर हो गया है और ट्रैफिक में भी ये गड्ढे रुकावट बन रहे हैं.
ये है रिंग रोड का हाल
दिल्ली में हर गली मोहल्ले की सड़क बरसात के बाद उधड़ सी गई है. ऊबड़-खाबड़ सड़कें तो हैं ही, इन पर बन गए गड्ढे अब खतरनाक भी होते जा रहे हैं. सबसे पहले बात रिंग रोड करते हैं. ये सड़क दिल्ली की प्रीमियम सड़क मानी जाती है, कनेक्टिविटी के लिहाज से तो रिंग रोड अहम है ही, इस पर ट्रैफिक का दबाव भी बहुत होता है. ऐसे में अगर गड्ढों में एक भी गाड़ी फंसे तो समझ लीजिए लंबा जाम लगना तय है. लेकिन अब गड्ढों में गाड़ियों का फंसना इस सड़क पर आम है. डिफेंस कॉलोनी से रिंग रोड़ पर आश्रम की तरफ मुड़ते ही पूरी सड़क टूटी मिलेगी. इस जगह पर बड़े-बड़े गड्ढे हो गए हैं और यहां कार हो या बस या फिर मोटरसाइकिल हर कोई हिचकोले खाता ही नजर आता है. बारिश के बाद तो गड्ढों का साइज और बढ़ गया है.
लाजपत नगर की सर्विस रोड
इसके अलावा रिंग रोड पर मूलचंद, नेहरूनगर, आश्रम और महारानी बाग तक छोटे-बड़े कई गड्ढे हैं. साथ ही सड़क की हालत भी खस्ता हो चुकी है. इस पूरे हिस्से में गड्ढों की वजह से ना सिर्फ एक्सीडेंट का खतरा है, बल्कि ट्रैफिक जाम की समस्या भी बढ़ रही है. इसके अलावा लाजपत नगर की सर्विस रोड भी पूरी तरह गड्ढों से भरी हुई है. इन गड्ढों में फंसकर कई बाइक वाले गिरते हैं, तो कारें व दूसरी गाड़ियां भी अक्सर इनमें फंस जाती हैं.
मरम्मद नहीं करा रही सरकार
हैरानी इस बात की है कि बड़ी और महत्वपूर्ण सड़कें खस्ताहाल हैं, लेकिन इनकी मरम्मत की सुध सरकार नहीं ले रही है. नतीजा उन लोगों को भुगतना पड़ रहा है जो रोजाना इन सड़कों पर हिचकोले खाते हुए गुजरते हैं.