दिल्ली (Delhi) में संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी उच्चायोग यानी UNHCR दफ्तर के बाहर प्रदर्शन कर रहे अफगान शरणार्थियों (Afghan Refugees) को वहां से हटाने की मांग वाली याचिका (Plea) पर दिल्ली हाई कोर्ट (Delhi High Court) में सुनवाई हुई. इस दौरान दिल्ली हाई कोर्ट को बताया गया कि अब दफ्तर के बाहर कोई अफगान प्रदर्शनकारी मौजूद नहीं है.
कोर्ट ने मामले का निपटारा किया और कहा कि भविष्य में कोई समस्या होने पर याचिकाकर्ता 'वसंत विहार रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन' फिर से कोर्ट का रुख कर सकता है. वसंत विहार के स्थानीय निवासियों ने भीड़ के चलते कोविड संक्रमण का अंदेशा जताते हुए कोर्ट का रुख किया था.
दिल्ली के वसंत विहार स्थित UNHCR ऑफिस के बाहर इकट्ठा हुए अफगान शरणार्थियों को हटाने के मामले में पिछले हफ्ते हुई पहली सुनवाई में दिल्ली पुलिस ने हाई कोर्ट को बताया था कि हमने शरणार्थी का दर्जा मांगने के लिए UNHCR कार्यालय के बाहर खड़े अफगान प्रदर्शनकारियों को वहां रहने की अनुमति नहीं दी है, लेकिन यह भी सच है कि हमने उन्हें हटाने के लिए सख्ती का इस्तेमाल भी नहीं किया है. ऐसा इसलिए क्योंकि यह एक संवेदनशील मुद्दा है. इस मुद्दे का अंतरराष्ट्रीय असर पड़ने के आसार भी हैं.
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केंद्र ने दिल्ली हाईकोर्ट को बताया कि प्रदर्शनकारी स्वेच्छा से वहां नहीं हैं, उनकी कुछ मजबूरी है. हम सभी को समझना होगा कि शरणार्थियों का दर्द क्या है. याचिकाकर्ताओं को भी इसे समझना चाहिए. दिल्ली हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार से पूछा कि आप यूएनएचसीआर कार्यालय के बाहर 500 लोगों को खड़े होने की अनुमति कैसे दे रहे हैं? यहां तक कि विवाह के लिए भी केवल 100 की अनुमति है.
याचिका वसंत विहार वेलफर एसोसिएशन की ओर से दायर की गई है.