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पीएम मोदी ने आरएसएस से जुड़ी कहानी सुनाई तो सांसदों ने उगला दिल का दर्द

प्रधानमंत्री के निर्देश पर सरकार के 6 वरिष्ठ मंत्रियों की अगुवाई में गठित 50-50 बीजेपी सांसदों के समूह की शुरुआती बैठकों में सांसदों के मन की बात जानने में मंत्रियों और पीएम को खासी मशक्कत करनी पड़ रही है.

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पीएम मोदी की कहानी से सांसदों में आई हिम्मत
पीएम मोदी की कहानी से सांसदों में आई हिम्मत

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प्रधानमंत्री के निर्देश पर सरकार के 6 वरिष्ठ मंत्रियों की अगुवाई में गठित 50-50 बीजेपी सांसदों के समूह की शुरुआती बैठकों में सांसदों के मन की बात जानने में मंत्रियों और पीएम को खासी मशक्कत करनी पड़ रही है. बीते सोमवार को जहां विदेश मंत्री सुषमा स्वराज की अगुवाई में सांसदों के समूह से पीएम मिले तो पाकिस्तान जाने से पहले केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने भी मंगलवार रात एनडीएमसी कन्वेंशन सेंटर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह के साथ 50 सांसदों को डिनर पर बुलाया.

राजनाथ सिंह की ओर से सांसदों को खुलकर दिल की बात पीएम के सामने रखने की सीख भी दी गई लेकिन ज्यादातर सांसदों ने खुद को सरकार की तारीफ तक ही सीमित रखा. एक के बाद एक सांसदों ने जमकर पीएम मोदी की तारीफ और सरकारी योजनाओं का गुणगान शुरु किया तो पीएम को समझते देर नहीं लगी कि बैठक में वो सांसदों के दिल का जो दर्द सुनने आए हैं, सांसद उसे जाहिर करने से हिचक रहे हैं. नतीजतन पीएम ने एक सांसद को बीच में रोककर साफ किया कि सरकार के गुणगान की बजाए सांसद योजनाओं के तेज क्रियान्वयन को लेकर सुझाव देंगे या सरकार के काम-काज में सुधार के उपाय बताएंगे तो ज्यादा ठीक होगा.

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पीएम मोदी ने सुनाई ये कहानी
पीएम ने सांसदों को एक कहानी सुनाकर जमीनी हकीकत बताने का आग्रह किया. पीएम ने कहा कि ‘बात उन दिनों की है जबकि वो गुजरात में आरएसएस के प्रचारक थे. उन दिनों आरएसएस के एक बड़े अखिल भारतीय अधिकारी नागपुर से गुजरात के दौरे पर आए. हमारे जिले में भी उनका दौरा हुआ. दौरे में उनके सामने एक प्रमुख कार्यकर्ता ने बढ़ा-चढ़ाकर आरएसएस की शाखाओं का ब्यौरा पेश किया. जहां शाखाएं नहीं थीं, वहां भी आरएसएस का काम शुरु हो जाने की बातें कहीं. अधिकारी बहुत प्रसन्न हो गए. उन्होंने जो भी सवाल पूछे, उस कार्यकर्ता ने हर सवाल का जवाब बहुत उत्साह से दिया. नई नई योजनाएं गिना डालीं और कहा कि हमारे जिले में योजना के अनुसार ये काम भी हो गया है, वो काम भी हो गया है, सेवा कार्य भी शुरु हो गए हैं, शाखाएं गांव-गांव फैल गई हैं, नियमित बैठकें भी चल रही हैं. प्रधानमंत्री ने कहा कि जब आरएसएस के वो अधिकारी दौरे से लौटकर चले गए तो मैंने उन कार्यकर्ता को पूछा कि आपने ये झूठीं बातें क्यों कहीं तो उस कार्यकर्ता ने हंसते हुए कहा कि भाई साहेब, इतनी दूर से बेचारे अधिकारी आए हैं, अगर मैं उन्हें सच्चाई बता देता तो वो भी उदास हो जाते, मुझे ये अच्छा नहीं लगा कि वो उदास और निराश होकर नागपुर वापस लौटते. सो मैंने उन्हें सब अच्छा अच्छा बता दिया, चलिए अब जितना हो सकेगा, उतना अच्छा करने की कोशिश करेंगे.’

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ठहाकों से गूंज उठा हॉल
पीएम ने सांसदों को कहानी सुनाकर जैसे ही सवाल पूछा कि क्या आप लोग भी उसी कार्यकर्ता की तरह मीठी-मीठी बातें सुनाकर मुझे बहका तो नहीं रहे हैं, तो सवाल सुनते ही सांसदों का ठहाका एनडीएमसी कन्वेंशन सेंटर के हॉल में गूंज उठा. पीएम ने सांसदों को दिल की बात सुनाने के लिए जैसे ही उत्साहित किया, वैसे ही भदोही के सांसद वीरेंद्र सिंह के दिल का दर्द जुबां पर आ गया. वीरेंद्र सिंह ने सीधे केंद्रीय गृहमंत्री से सवाल पूछा कि कार्यकर्ताओं को सरकार और मंत्रियों के काम-काज की समीक्षा का अधिकार है या नहीं? पीएम और गृहमंत्री ने जवाब में जैसे ही सकारात्मक रूप से हां में सर हिलाया तो वीरेंद्र सिंह ने दोबारा पूछ लिया कि बीते दो साल में आम कार्यकर्ताओं के साथ देश में कितने मंत्रियों ने काम-काज की समीक्षा को लेकर बैठके की हैं. वीरेंद्र सिंह ने कहा कि कार्यकर्ता इस बात को गांव-गांव में बोल रहा है कि प्रधानमंत्री मोदी के कारण दिल्ली में देश का खजाना सुरक्षित है, उस पर कोई बेईमान और भ्रष्ट नेता या अफसर निगाहें नहीं गड़ा सकता लेकिन क्या ये बात जिलों में भी सच है ?

फिर सवाल उठाने लगे सांसद
बागपत से सांसद सतपाल सिंह ने बैठक में जातिवादी राजनीति से सावधान रहने की नसीहत दी. उन्होंने ये सवाल उठाया कि क्या बीजेपी यूपी में चुनाव जीतने के लिए अजीत सिंह की पार्टी आरएलडी के साथ गठबंधन करने जा रही है. मंच पर मौजूद बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने इस पर कहा कि फिलहाल ऐसी कोई योजना नहीं है. बैठक में कई सांसदों ने मंत्रालयों में सुनवाई न होने की तकलीफ बयान की. सांसदों ने साफ कहा कि सरकार के कई मंत्रियों का बर्ताव सांसदों के साथ अच्छा नहीं रहता. बार-बार मांगने के बावजूद मंत्री समय नहीं देते. सांसदों के कई जरुरी काम वो निजी काम बताकर टाल देते हैं जबकि वो किसी ना किसी कार्यकर्ता के परिवार से जुड़ा होता है.

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रेल मंत्रालय की शिकायत
एक सांसद ने रेल मंत्रालय के बारे में साफ शिकायत रखी कि कई बीमार और बुजुर्ग कार्यकर्ताओं के परिजनों की सुनवाई मंत्रालय में नहीं हुई. दो साल में सांसदों के कहने पर स्टेशन मास्टर तक के स्थानांतरण नहीं हो सके. कई सांसदों की ओर से गरीब परिवारों में रसोई गैस वितरण योजना में अफसरशाही और गैस एजेंसी के डीलरों की ओर से हो रही धांधली की भी शिकायत बैठक में उठी जिस पर पीएम ने पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान को ध्यान देने का कहा.

वेतन को लेकर हुई शिकायत
कुछ सांसदों ने वेतन और भत्तों के साथ सांसद निधि बढ़ाने का भी सवाल उठाया और कहा कि क्षेत्र में जनता की मांग पर खरा उतरने में वो नाकाम इसलिए हो जाते हैं क्योकि उनके पास अधिकार सीमित हैं और राज्य सरकार और प्रशासन से अपेक्षित सहयोग नहीं मिल रहा है. सांसदों ने जिला योजना में सांसदों की भूमिका जिलाधिकारी से ऊपर रखने की मांग भी उठाई ताकि केंद्र के साथ राज्य की योजनाओं की मॉनिटरिंग और क्रियान्वयन में उनका दखल ज्यादा से ज्यादा बढ़ सके.

पहली बैठक में शामिल नहीं हुए थे पीएम
बीते मंगलवार को जहां राजनाथ सिंह की अगुवाई में सांसदों के समूह से पीएम मिले वहीं बुधवार रात को एयरफोर्स मेस में रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने अपने समूह के सांसदों को डिनर पर बुलाया हालांकि जीएसटी बिल पर राज्यसभा में कार्यवाही चलने की वजह से मनोहर पर्रिकर की ओर से दिए गए डिनर में पीएम मोदी शामिल नहीं हो सके.

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