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स्वच्छता सर्वेक्षण: MCD का खराब प्रदर्शन, पहले के मुकाबले और गंदी हुई दिल्ली

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक ओर स्वच्छता अभियान की मुहिम जोर शोर से चलाते नजर आते हैं, तो वहीं दिल्ली में ही बीजेपी शासित नगर निगम ने उनके इस अभियान की धज्जियां उड़ाकर रख दी है.

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प्रतीकात्मक तस्वीर
प्रतीकात्मक तस्वीर

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक ओर स्वच्छता अभियान की मुहिम जोर शोर से चलाते नजर आते हैं, तो वहीं दिल्ली में ही बीजेपी शासित नगर निगम ने उनके इस अभियान की धज्जियां उड़ाकर रख दी है.

स्वच्छता सर्वेक्षण 2019 की रिपोर्ट ने दिल्ली नगर निगम की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं. रिपोर्ट बताती है कि दिल्ली की तीनों ही नगर निगम पिछले साल के मुकाबले इस वर्ष और अधिक फिसड्डी हो गई है, यानी दिल्ली पिछले वर्षों के मुकाबले और अधिक गंदी हो गई है. ये हाल तब है जब केंद्र सरकार से दिल्ली नगर निगम को स्वच्छता के लिए ही हर साल सैकड़ों करोड़ रुपये का अतिरिक्त फंड दिया जाता है.

इस वर्ष के स्वच्छता सर्वेक्षण में दिल्ली की रैंकिंग और गिर गई है. दक्षिणी दिल्ली, दिल्ली नगर निगम की रैंकिंग 102 प्वाइंट गिरकर अब 138 पर पहुंच गई है. वहीं उत्तरी दिल्ली नगर निगम ने बेहद ख़राब प्रदर्शन किया है. उत्तरी दिल्ली नगर निगम की रैंकिंग अब 76 प्वाइंट गिरकर 282 हो गई है.

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पूर्वी दिल्ली नगर निगम कुछ बेहतर प्रदर्शन करते हुए 240 पर पहुंचा गया है. नई दिल्ली नगरपालिका परिषद यानी एनडीएमसी और दिल्ली कैंट ने भी बेहतर प्रदर्शन किया है. एनडीएमसी को देश के सबसे छोटे साफ शहर का दर्जा दिया गया है.

हज़ारों करोड़ रुपया का सालाना फंड, उसके अतिरिक्त सैकड़ों करोड़ रुपया की केंद्र सरकार की सफ़ाई व्यवस्था को लेकर किए जाने वाली मदद, इसे दिल्ली नगर निगम कहां खर्च करता है इस बात का कोई जवाब नहीं है. बीते कई वर्षों में केंद्र सरकार दिल्ली नगर निगम को फंड के ख़र्च पर पारदर्शिता न रखने पर कई बार फटकार लगा चुका है. हाल ही में तो केंद्र सरकार के शहरी विकास मंत्रालय ने इस फंड को आगे ख़र्च करने पर तब तक रोक लगा दी थी जब तक दिल्ली नगर निगम पुराने खर्च का हिसाब नहीं पेश किया.

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