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पीएम मोदी और जापान के PM की हुई मुलाकात, रूस यूक्रेन युद्ध पर दिया ये बयान

जापान-भारत विनिर्माण संस्थान (JIM) की कुल संख्या अब 19 है (2018 में यह 8 थी). ये संस्थान कुशल कामगारों को प्रशिक्षण देने के लिए भारत में स्थित जापानी कंपनियों द्वारा स्थापित किए गए हैं. जापानी कंपनियों ने विभिन्न कॉलेजों में 7 जापानी एंडेड कोर्स (जेईसी) भी स्थापित किए हैं.

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पीएम मोदी (बाएं) और जापानी पीएम किशिदा. -फाइल फोटो
पीएम मोदी (बाएं) और जापानी पीएम किशिदा. -फाइल फोटो
स्टोरी हाइलाइट्स
  • सार्वजनिक और निजी निवेश का लक्ष्य किया हासिल
  • बतौर पीएम किशिदा की भारत की पहली यात्रा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और जापान के प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा की आज 14वें भारत-जापान वार्षिक शिखर सम्मेलन के लिए नई दिल्ली में मुलाकात हुई है. मुलाकात के दौरान अर्थव्यवस्था और संस्कृति जैसे मुद्दों पर विस्तार से चर्चा की गई. दोनों देशों ने इस बात पर सहमति जाहिर की है कि भविष्य में और बेहतर तालमेल के साथ काम किया जाएगाय

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वैसे जापान के प्रधानमंत्री किशिदा ने मुलाकात से पहले रूस-यूक्रेन युद्ध पर भी बयान दिया था. उन्होंने कहा था कि यूक्रेन के खिलाफ रूस की आक्रामकता एक आक्रोश है जो एशिया सहित अंतर्राष्ट्रीय समुदाय की नींव को कमजोर करती है. मैं अपने विदेश यात्रा के दौरान यूक्रेन की स्थिति और अन्य मामलों के बारे में अपने समकक्षों के साथ विचारों का आदान-प्रदान करूंगा और उनसे कार्रवाई करने का आग्रह करूंगा.

किशिदा ने कहा कि भारत के प्रधानमंत्री मोदी के साथ मैं अगले कुछ महीनों के भीतर टोक्यो में होने वाली जापान, भारत, ऑस्ट्रेलिया और संयुक्त राज्य अमेरिका के नेताओं के बीच क्वाड शिखर सम्मेलन की सफलता की दिशा में काम करने के अपने इरादे को पुष्ट करने की योजना बना रहा हूं. 

प्रधानमंत्री के रूप में यह फुमियो किशिदा की पहली भारत यात्रा है. शिखर सम्मेलन 2018 में जापान में आयोजित होने के साढ़े तीन साल बाद हो रहा है. इस साल भारत और जापान के राजनयिक संबंधों की स्थापना की 70वीं वर्षगांठ भी है. उभरती हुई भू-राजनीतिक और आर्थिक स्थिति को देखते हुए भारत और जापान साझेदारी को गहरा करने पर विचार कर रहे हैं.

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जापानी पीएम किशिदा ने 4 अक्टूबर 2021 को जापान के प्रधान मंत्री के रूप में शपथ ली थी. वे जापान के विदेश मंत्री रह चुके हैं. विदेश मंत्री रहते हुए किशिदा चार बार पीएम मोदी से मिल चुके हैं. उन्होंने लिबरल डेमोक्रेटिक पार्टी की नीति अनुसंधान परिषद के अध्यक्ष के रूप में भी पीएम मोदी से मुलाकात की थी. वे इससे पहले भी भारत का दौरा कर चुके हैं.
 
सार्वजनिक और निजी निवेश का लक्ष्य किया हासिल

2014 में प्रधानमंत्री मोदी की जापान यात्रा के बाद भारत में जापानी येन (जेपीवाई) 3.5 ट्रिलियन सार्वजनिक और निजी निवेश का लक्ष्य हासिल कर लिया है, जिसकी घोषणा 2014 में पीएम और पीएम अबे (जापान के तत्कालीन प्रधानमंत्री) द्वारा की गई थी. आज भारत में 1455 जापानी कंपनियां हैं. 11 जापान औद्योगिक टाउनशिप (जेआईटी) की स्थापना की गई है, राजस्थान में नीमराना और आंध्र प्रदेश में श्री सिटी कंपनियों के साथ. मुंबई-अहमदाबाद हाई स्पीड रेल, डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर, मेट्रो परियोजनाओं, डीएमआईसी आदि सहित जापानी सहायता के माध्यम से कई बुनियादी ढांचा परियोजनाएं चल रही हैं.

वाराणसी कन्वेंशन सेंटर (रुद्राक्ष) का उद्घाटन पिछले साल पीएम मोदी ने किया था जहां तत्कालीन पीएम सुगा ने एक वीडियो संदेश भी भेजा था. दोनों पक्षों ने अक्टूबर 2018 में एक डिजिटल साझेदारी पर हस्ताक्षर किए थे. इस साझेदारी के तहत स्टार्टअप्स जीवंत पहलू के रूप में उभरा है. अब तक भारतीय स्टार्टअप ने जापानी वीसी से 10 बिलियन अमरीकी डालर से अधिक की राशि जुटाई है. भारत और जापान ने भारत में प्रौद्योगिकी स्टार्टअप में निवेश करने के लिए एक निजी क्षेत्र द्वारा संचालित फंड-ऑफ-फंड भी लॉन्च किया है, जिसने अब तक 100 मिलियन अमरीकी डालर जुटाए हैं.

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दोनों पक्षों का आईसीटी के क्षेत्र में 5जी, अंडर-सी केबल, दूरसंचार और नेटवर्क सुरक्षा जैसे क्षेत्रों में भी सहयोग है. 5जी पर कार्यशाला का आयोजन किया गया था. कौशल विकास में भी प्रगति हुई है. 

220 भारतीय युवाओं को तकनीकी प्रशिक्षु प्रशिक्षण कार्यक्रम (टीआईटीपी) के तहत जापान में ट्रेनर के रूप में नियुक्त किया गया था. पिछले साल दोनों देशों ने एक विशिष्ट कुशल श्रमिक समझौते पर भी हस्ताक्षर किए थे. जापानी पक्ष ने इस साल जनवरी से इस कार्यक्रम के तहत नर्सिंग देखभाल के लिए परीक्षा शुरू की है.

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