नरेंद्र मोदी 30 मई को दूसरी बार भारत के प्रधानमंत्री पद की शपथ लेंगे. उनके इस शपथग्रहण समारोह में काफी संख्या में विदेशी मेहमान भी शिरकत करेंगे, जिनसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शपथ लेने के बाद द्विपक्षीय वार्ता करेंगे. ये द्विपक्षीय वार्ताएं 31 मई को होंगी. हालांकि म्यांमार के राष्ट्रपति विन मयिंट प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शपथ लेने के बाद 30 मई की रात को ही रवाना हो जाएंगे. लिहाजा म्यांमार के राष्ट्रपति विन मयिंट से पीएम मोदी की द्विपक्षीय वार्ता नहीं हो पाएगी.
इस शपथग्रहण समारोह में थाईलैंड के विशेष प्रतिनिधि हिस्सा लेंगे. वो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी मुलाकात करेंगे. थाईलैंड के विशेष प्रतिनिधि 31 मई को यहां से रवाना होंगे. आपको बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इस शपथग्रहण समारोह में बिम्सटेक के सदस्य देशों को आमंत्रित किया गया है. बिम्सटेक देशों में बांग्लादेश, म्यांमार, श्रीलंका, थाईलैंड, नेपाल और भूटान देश आते हैं.
इसके अलावा संघाई सहयोग संगठन (SCO) के अध्यक्ष और किर्गिस्तान के राष्ट्रपति सूरोनबे जीनबेकोव और मॉरीशस के प्रधानमंत्री प्रविंद जुगनॉथ को बुलाया गया है. मॉरीशस के प्रधानमंत्री हाल ही में आयोजित प्रवासी भारतीय दिवस के चीफ गेस्ट थे. हालांकि पीएम मोदी के इस शपथग्रहण समारोह में पाकिस्तान और चीन को नहीं बुलाया गया है.
प्रधानमंत्री पद की शपथ लेने से पहले नरेंद्र मोदी गुरुवार सुबह 7:15 बजे राजघाट जाएंगे और महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि देंगे. इसके बाद वो पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के स्मारक जाएंगे और उनको श्रद्धासुमन अर्पित करेंगे. यहां से वो नेशनल वॉर मेमोरियल पहुंचेंगे और श्रद्धांजलि अर्पित करेंगे. वहीं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शपथग्रहण की तैयारियां पूरी कर ली गई हैं. इस समारोह में करीब 6,500 मेहमान शामिल होंगे.
शपथग्रहण कार्यक्रम राष्ट्रपति भवन में आयोजित किया जाएगा. इसके चलते आम जनता के लिए दिल्ली की सड़कों के रूट भी बदले जाएंगे. इस समारोह को लेकर सुरक्षा और यातायात की व्यापक व्यवस्था की गई है. 30 मई को शाम 4 बजे से 9 बजे के बीच आम जनता की आवाजाही के लिए राजपथ (विजय चौक से राष्ट्रपति भवन तक), विजय चौक और फव्वारा, साउथ एवेन्यू, नॉर्थ एवेन्यू, दारा-शिकोह रोड और चर्च रोड बंद रहेंगे.