देशभर में कोरोना का प्रकोप जारी है. इसी बीच गुरुवार को पीएम मोदी ने देश में कोरोना संबंधित स्थिति की व्यापक समीक्षा की. इस समीक्षा बैठक में पीएम को विभिन्न राज्यों और जिलों में कोरोना के प्रकोप पर एक विस्तृत जानकारी दी गयी. बैठक में अधिकारियों ने पीएम को 12 राज्यों के बारे में बताया. जहां अभी एक लाख से ज्यादा एक्टिव मामले हैं. वहीं अधिकारियों ने पीएम को उच्च रोग भार वाले जिलों के बारे में भी अवगत कराया.
बैठक में पीएम को राज्यों द्वारा स्वास्थ्य सुविधाओं के बुनियादी ढांचे के बारे में भी बताया गया. पीएम ने निर्देश दिया कि राज्यों को स्वास्थ्य सेवाओं के बुनियादी ढांचे में सुधार के लिए सहायता और मार्गदर्शन दिया जाना चाहिए.
इसके अलावा बैठक में त्वरित और सभी रोकथाम उपायों को सुनिश्चित करने की आवश्यकता पर भी चर्चा की गई. पीएम ने उल्लेख किया कि राज्यों को गंभीर जिलों की पहचान करने के लिए एक एडवाइजरी भेजी गई थी, जहां केस पॉजिटिविटी 10% या उससे अधिक है और ऑक्सीजन सपोर्टेड या आईसीयू बेड पर बेड ऑक्यूपेंसी 60% से अधिक है.
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पीएम ने दवाओं की उपलब्धता की भी समीक्षा की. उन्हें रेमडेसिविर सहित दवाओं के उत्पादन में तेजी से वृद्धि के बारे में जानकारी दी गई. पीएम ने अगले कुछ महीनों में टीकों पर उत्पादन बढ़ाने और टीकाकरण की प्रगति की समीक्षा की. उन्हें सूचित किया गया था कि राज्यों को लगभग 17.7 करोड़ टीके की आपूर्ति की गई है. पीएम ने वैक्सीन वेस्टेज पर राज्यवार रुझानों की भी समीक्षा की. पीएम को बताया गया कि 45 वर्ष से अधिक आयु के लगभग 31% पात्र को कम से कम एक खुराक दी गई है.
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पीएम ने इस मामले में कहा कि टीकाकरण की गति में कमी नहीं आनी चाहिए. उन्होंने कहा कि लॉकडाउन के बावजूद टीकाकरण के लिए नागरिकों को सुविधा दी जानी चाहिए और टीकाकरण में शामिल स्वास्थ्य कर्मियों को अन्य कर्तव्यों के लिए डायवर्ट नहीं किया जाना चाहिए. जानकारी के मुताबिक पीएम की इस समीक्षा बैठक में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, गृह मंत्री अमित शाह के साथ साथ निर्मला सीतारमण, डॉ. हर्षवर्धन, पीयूष गोयल, मनसुख मंडाविया अन्य मंत्री और शीर्ष अधिकारी मौजूद रहे.