प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को एम्स के दीक्षांत समारोह में डॉक्टरों को संबोधित किया. इस दौरान मोदी हल्के मूड में नजर आए, लेकिन साथ ही डॉक्टरों को अपनी ओर से कुछ सुझाव भी दिए. पढ़िए डॉक्टरों को मोदी के 10 सुझाव:
1. गरीब तबकों के बच्चों को दीक्षांत समारोहों (कॉनवोकेशन) में विशेष मेहमान के तौर पर बुलाया जाए, ताकि उन्हें प्रेरणा और प्रोत्साहन मिले.
2. अब एकलव्य की तरह एकांत साधना करनी होगी. आप सोचें कि बंद क्लासरूम से विशाल क्लासरूम में जा रहे हैं.
3. हमेशा स्टूडेंट बने रहें. आप जिन वरिष्ठ जनों को मैंने सम्मानित किया, वे लेटेस्ट मेडिकल डिवेलपमेंट से वाकिफ होंगे. इसलिए नहीं कि वे मरीज देखते हैं. इसलिए क्योंकि उनके अंदर का स्टूडेंट जिंदा है. जिस पल सीखना बंद, उस पल मृत्यु की तरफ पहला कदम पड़ जाता है.
4. मरीजों के लिए आदर्श पेश करें डॉक्टर. कैंसर के डॉक्टर को सिगरेट पीते देख लोग यही सोचेंगे कि सिगरेट पीने से कुछ नहीं होता, देखो डॉक्टर भी पीते हैं. एक डॉक्टर का जीवन मरीज की जिंदगी और उसकी प्रेरणा बन सकता है. सोचकर देखिए. कम लोग हैं, जो जीवन को इस रूप में देखते हैं.
5. उन चाय वालों का कर्ज उतारें जिन्होंने एग्जाम से पहले सर्द रात में आपको बिना मुंह बिचकाए चाय पिलाई. उसका कर्ज उतारें जिसने ठीक से सिरिंज लगाना सिखाया.
6. याद रखिए कि आपको डॉक्टर बनने की सुविधाएं तब मिलीं, जब किसी गांव वाले की बस का बजट, किसी पिछड़े इलाके के स्कूल का बजट यहां डायवर्ट किया गया. मरीजों का इलाज करते समय इसका ध्यान रखें.
7. छुट्टियों के लिए ब्रेक लेते हैं तो एक ब्रेक और बनता है. डॉक्टर साथी 5-6 दिनों के लिए जंगलों में और पिछड़े गांवों में जाएं और वहां मरीजों का इलाज करें. उन्हें स्वस्थ जीवन की सलाह दें.
8. हम विज्ञान की क्रांति से डरते नहीं हैं. लेकिन चिंता ये होनी चाहिए कि हम इससे मेल बैठा रहे हैं कि नहीं. कहीं हम पुरानी पोथियों तक तो नहीं अटके हैं. ऐसा रहा तो बदलाव नहीं आ सकता है. हमें प्रासंगिक बने रहना होगा. इसके लिए प्रयास करेंगे तो बहुत बड़ी सेवा कर सकते हैं.
9. मैं आपसे आग्रह करूंगा कि आप अपने दायित्व के प्रति पूरी तरह गंभीर रहें, लेकिन अपने जीवन को ज्यादा गंभीर मत बना देना.
10. (एम्स के छात्रों के लिए) आप ऐसे संस्थान के छात्र हैं, जिसने हिंदुस्तान में अपना एक ट्रेड मार्क बना रखा है. आज देश में कहीं भी अच्छा अस्पताल बनाना हो तो लोग क्या कहते हैं. अरे भाई हमारे यहां एक एम्स बना दो. उन्हें बस इतना पता है कि एम्स बन जाए तो चीजें बेहतर हो जाएं. सोचिए आप कितने भाग्यवान हैं. मुझे उम्मीद है कि स्वस्थ भारत के सपने को पूरा करने के लिए भारत माता की संतान के रूप में आप अपना सब कुछ देंगे.