दिल्ली में खतरनाक स्तर पर पहुंच चुके प्रदूषण को कम करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी एक पहल करने जा रहे हैं. उन्होंने अपने सांसदों को बैट्री वाली दो बसें भेंट करने का फैसला किया है, ताकि इस जिम्मेदारी में सांसद भी अपनी भूमिका अदा कर सकें. केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने यह जानकारी दी.
21 दिसंबर को दी जाएंगी बसें
गडकरी ने बताया कि योजना लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन को 21 दिसंबर को दो इलेक्ट्रिक बसें भेंट करने की है. इसके बाद सांसद इन्हीं बसों से संसद तक आया-जाया करेंगे. इसमें वही लीथियम आयन बैट्री लगी हैं, जो इसरो सैटेलाइट प्रपल्शन में इस्तेमाल करता है. इसरो ने मंत्रालय के साथ मिलकर ऐसी पांच बैट्री बनाई हैं. एक की कीमत 5 लाख रुपये है. यदि इसी को आयात करें तो यह 55 लाख रुपय की पड़ती है.
मुहिमः मेक इन इंडिया का हिस्सा
यह भारत सरकार के मेक इन इंडिया अभियान का हिस्सा है. गडकरी ने बताया कि ऐसी गाड़ियां कमर्शियल इस्तेमाल के लिए भी बनाई जाएंगी और इनके पेटेंट रजिस्टर कराए जाएंगे. भविष्य में दिल्ली की सड़कों पर 15 ऐसी बसें चलाने की योजना है. यह पायलट प्रोजेक्ट होगा. ऐसी ही बसें दूसरी जगहों पर भी चलाई जाएंगी. हालांकि गडकरी ने दूसरी जगहों या शहरों के नाम नहीं बताए.
दावाः दो साल में न्यूनतम कर देंगे चिंता
गडकरी ने कहा कि प्रदूषण सरकार के लिए बड़ी चिंता है और परिवहन मंत्रालय दिल्ली में प्रदूषण से जुड़ी तमाम चिंताएं दो साल के भीतर खत्म कर देगा. गडकरी ने कहा, 'दिल्ली ही नहीं, बल्कि देशभर में प्रदूषण का स्तर न्यूनतम करने का विचार है. हमारी योजना देशभर में डीजल से चलने वाली डेढ़ लाख बसों को इलेक्ट्रिक बसों से बदलने की है. नागपुर में बायो-सीएनजी को बढ़ावा दिया जा रहा है.'
और सुझावः बायो सीएनजी का
गडकरी ने एक सुझाव भी दिया. बायो सीएनजी बनाने का सुझाव. उन्होंने कहा कि सीवेज वाटर से मीथेन निकालकर बायो सीएनजी बनाई जा सकती है और उससे बसें चलाई जा सकती हैं. किसानों को चीनी और दूसरी चीजों से बायो फ्यूल बनाने के लिए प्रशिक्षित किया जा सकता है. इसमें उन्हें भी बड़ा मुनाफा मिलेगा और देश की आर्थिक तरक्की में भी मदद मिल सकेगी.