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भूख हड़ताल से हटाने पर फूंकी पुलिस जिप्सी

डीयू के आसपास के इलाको में रहने के बुनियादी हक की मांग को लेकर भूख हड़ताल पर बैठे छात्र को जबरन उठाने पर डीयू में बवाल हो गया. पुलिस ने आधी रात को कार्रवाई की और छात्र प्रवीण सिंह को उठाकर अस्पताल पहुंचा दिया.

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डीयू के आसपास के इलाको में रहने के बुनियादी हक की मांग को लेकर भूख हड़ताल पर बैठे छात्र को जबरन उठाने पर डीयू में बवाल हो गया. पुलिस ने आधी रात को कार्रवाई की और छात्र प्रवीण सिंह को उठाकर अस्पताल पहुंचा दिया.

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पुलिसिया ज्यादती पर जमकर हंगामा हुआ. दिल्ली पुलिस रात 12 से 12.30 के बीच प्रवीण सिंह को उठाने पहुंची तो छात्रों ने इसका विरोध किया. विरोध इस हद तक बढ़ा कि कमलेश नाम का एक स्टूडेंट चलती एंबुलेंस के आगे कूद गया. घायल स्टूडेंट और प्रवीण को लेकर पुलिस तो हिंदूराव अस्पताल चली गयी लेकिन इधर बवाल बढ़ गया.

आधी रात के पुलिसिया कहर से गुस्साए छात्रों ने पुलिस की जिप्सी में आग लगा दी. जिप्सी के बीच पुलिस का कहर भी स्टूडेंट्स पर जमकर बरपा. जो भी दिखा वो पुलिस के हत्थे चढ़ गया. देर रात तक स्टूडेंट्स अपने हॉस्टलमेट्स और क्लासमेट्स को ढूंढ़ते मौरिस नगर थाने में डेरा डाले बैठे रहे. पुलिस का कहना है कि अनशन पर बैठे छात्र की हालत खराब थी लिहाजा उसे हटाना जरूरी था. लेकिन इसके लिए आधी रात को क्यों कार्रवाई की गई ये पुलिस नहीं बता पाई. फिलहाल डीयू छावनी में तब्दील है. आर्ट्स फैकल्टी के चप्पे चप्पे पर, रात से ही पुलिस तैनात है.

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पुलिस की ज्यादती और इस पूरे हंगामे के चश्मदीद छात्र रात भर मौरिस नगर थाने में धरना दिए बैठे रहे. सभी का आरोप है कि वो पुलिस से शांतिपूर्वक बात करना चाहते थे लेकिन पुलिस किसी और के इशारे पर चल रही थी और उनका मकसद अनशन तुड़वाना ही था.

इस बीच डूटा ने इस पूरे हंगामे का आरोप डीयू के वीसी दिनेश सिंह पर लगाया है. डूटा का कहना है कि रात भर दिल्ली पुलिस की ज्यादती से छात्र परेशान रहे और वीसी ने फोन तक नहीं उठाया जो दिखाता है कि डीयू प्रशासन छात्रों को लेकर कितना संवेदनशील है.

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