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टिकरी बॉर्डर होने लगा खाली, किसानों की सहमति के बाद पुलिस ने हटाए बैरिकेड्स

पिछले कुछ दिनों पहले सुप्रीम कोर्ट की तरफ से यह टिप्पणी आई थी कि किसान सड़कों को जाम करके आंदोलन नहीं रख सकते हैं. गुरुवार को  दिल्ली से बहादुरगढ़ जाने वाले रुट पर बॉर्डर पर हल्के फुल्के डिवाइडर हटाए गए. जबकि कंक्रीट को अभी तक नहीं हटाया गया है.

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टिकरी बॉर्डर से हटाए गए कुछ डिवाइडर
टिकरी बॉर्डर से हटाए गए कुछ डिवाइडर
स्टोरी हाइलाइट्स
  • किसान सड़कों को जाम करके आंदोलन नहीं रख सकते हैं: SC
  • शुक्रवार को भी हटाए जा सकते हैं डिवाइडर

टिकरी बॉर्डर पर आज गुरुवार को दिन भर हलचल रही. वहीं जानकारी के मुताबिक देर शाम पुलिस ने किसानों की सहमति के बाद टिकरी बॉर्डर पर रोहतक जाने वाले एक हिस्से को खाली करा दिया. इससे पहले दिल्ली पुलिस की तरफ से पिछले 10 महीने पहले जो बड़े-बड़े ट्राला और मजबूत डिवाइडर को बनाया गया था ताकि किसान दिल्ली की तरफ ना आ सकें उनमें से कुछ को धीरे-धीरे करके हटाया गया.

सुबह से लेकर शाम तक सड़क पर रखे इन डिवाइडर का कुछ हिस्सा हटाया गया है. जिससे यह उम्मीद जताई जा रही है कि दिल्ली से बहादुरगढ़ की तरफ जाने वाली इस सड़क को आम जनता के लिए जल्द ही खोला जा सकता है. 

 

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पिछले कुछ दिनों पहले सुप्रीम कोर्ट की तरफ से यह टिप्पणी आई थी कि किसान सड़कों को जाम करके आंदोलन नहीं रख सकते हैं. गुरुवार को  दिल्ली से बहादुरगढ़ जाने वाले रुट पर बॉर्डर पर हल्के फुल्के डिवाइडर हटाए गए. जबकि कंक्रीट को अभी तक नहीं हटाया गया है. अनुमान लगाया जा रहा है कि शुक्रवार को भी हटाया जा सकता है. 


इससे पहले मामले में दिल्ली पुलिस का कहना था कि टिकरी बॉर्डर (दिल्ली-हरियाणा) और गाजीपुर बॉर्डर (दिल्ली-यूपी) पर आपातकालीन मार्ग खोलने की योजना है. किसानों की सहमति के बाद सीमाओं पर लगे बैरिकेड्स हटाए जाएंगे. 

वहीं सुप्रीम कोर्ट में बीती 21 अक्टूबर को किसान आंदोलन के चलते बंद सड़कों को खुलवाने को लेकर दायर याचिका पर सुनवाई हुई. इस दौरान सुप्रीम कोर्ट ने साफ कर दिया कि विरोध-प्रदर्शन किसानों का अधिकार है, लेकिन सड़कों को अवरुद्ध नहीं किया जा सकता है और इस संबंध में कोई संदेह नहीं होना चाहिए. इस पर किसान संगठनों के वकील दुष्यंत दवे ने कहा, सड़क को पुलिस ने बंद किया है. हमने नहीं. 

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इस मामले में अगली सुनवाई 7 दिसंबर को होगी.
 

 

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