दिल्ली के त्रिलोकपुरी में हुई सांप्रदायिक हिंसा कथित रूप पांच शराबियों की शरारत की वजह से हुई. बताया जाता है कि दिवाली की रात उन्होंने नशे में पूजा स्थल के करीब गंदगी फैला दी थी. जिसके बाद दो समुदाय के कुछ लोग एक-दूसरे को मारने को आमादा हो गए . पुलिस ने इन पांचों की पहचान कर ली है और अब जी-जान से उनकी तलाश में जुट गई है.
त्रिलोकपुरी में पिछले तीन दिन से कर्फ्यू जैसी स्थिति बनी हुई है. लोगों को घरों से नहीं निकलने दिया जा रहा है. लोगों को जरूरत की चीजे नहीं मिल रहीं है. खबर है कि स्थिति का फायदा उठाकर कुछ दुकानदार दूध भी 100 रुपये प्रति किलो बेच रहे हैं. त्रिलोकपुरी की आबादी में ज्यादातर मजदूर और गरीब वर्ग की आबादी रहती है. ऐसे में रोजाना काम पर जाने और कमाने वाले लोगों के लिए स्थिति और मुश्किल हो गई है. पूरे इलाके में बड़े पैमाने पर सुरक्षा बलों की नियुक्ति की गई है.
पुलिस उन पांच लोगों की तलाश तो कर ही रही है इसके अलावा दस टीमें घर घर जाकर यह तलाश कर रही है कि कहीं घरों में हथियार तो नहीं रखे गए हैं. हालांकि हिंसा प्रभावित इलाके में दो दिनों से कोई अप्रिय घटना नहीं हुई है. इस पूरे मामले में पांच लोगों की पहचान की गई है.
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा, 'वे स्थानीय बदमाश हैं और वे किसी भी धर्म का प्रतिनिधित्व नहीं करते. उन्होंने ही शराब पी थी और मांसाहारी जूठन धार्मिक ढांचे के पास फेंक दिया था जिससे हिंसा भड़की थी. उन्हें शीघ्र ही पकड़ लिया जाएगा.' जांचकर्ता आरोपियों को पकड़ने के लिए इलाके के सीसीटीवी फुटेज खंगाल रहे हैं. हिंसा के सिलसिले में दर्ज पांच प्राथमिकियों के आधार पर अब तक 63 लोग गिरफ्तार किए गए हैं. हिंसा में 56 पुलिसकर्मियों समेत 70 लोग घायल हुए हैं जिनमें सात को गोलियां लगी हैं. विशेष पुलिस आयुक्त (कानून व्यवस्था) दीपक मिश्रा ने कहा, पिछले 24 घंटे में किसी ताजा हिंसा की खबर नहीं है.
(इनपुट: भाषा)