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नोटबंदी के चलते दिल्ली का प्रदूषण हुआ कुछ कम, सड़कों पर वाहनों की संख्या हुई आधी

दिल्ली का प्रदूषण इसलिए कम हो रहा है क्योंकि लोग सड़कों पर कम और पैसा निकालने या डालने के लिए बैंकों के आगे ज्यादा लगे हुए हैं. कई घंटे बैंकों में होने के कारण सड़कों पर लोगों की संख्या आधी रह गयी है, जिसके चलते वाहनों से होने वाले प्रदूषण में भी कमी आई है.

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नोटबंदी के चलते दिल्ली का प्रदूषण हुआ कुछ कम
नोटबंदी के चलते दिल्ली का प्रदूषण हुआ कुछ कम

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नोटबंदी की वजह से भले ही आम जनता कैश की कमी और लंबी लाइनों की शिकायत कर रही हो, लेकिन इस फैसले का एक सकरात्मक असर दिल्ली में पड़ा है. नोटबंदी की वजह से दिल्ली के प्रदूषण में कमी बताई जा रही है.

दिल्ली का प्रदूषण इसलिए कम हो रहा है क्योंकि लोग सड़कों पर कम और पैसा निकालने या डालने के लिए बैंकों के आगे ज्यादा लगे हुए हैं. कई घंटे बैंकों में होने के कारण सड़कों पर लोगों की संख्या आधी रह गयी है, जिसके चलते वाहनों से होने वाले प्रदूषण में भी कमी आई है.

प्रगति मैदान में इंडिया इंटरनेशनल ट्रेड फेयर लगा हुआ है. इस दौरान हर साल इंडिया गेट और आस-पास के इलाकों मे घंटों जाम की स्थिति रहती है, लेकिन आजकल ना ट्रैफिक जाम है और ना ही प्रगति मैदान में आने वाले लोगों की कोई चहल-पहल है.

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दिल्ली के सबसे व्यस्त रहने वाले चौराहों में से एक आईटीओ पर भी लोगों को अक्सर 10 से 15 मिनट का वक्त लग जाता है. लेकिन फिलहाल 2 से 4 मिनट में आराम से आईटीओ को आप क्रॉस कर सकते हैं. वाहनों की संख्या दिल्ली मे कम नजर आने से ट्रैफिक जाम कम हुआ है और ट्रैफिक जाम कम होने से वाहनों से होने वाला प्रदूषण भी कम हो रहा है.

ऐसा इसलिए भी है कि काम के सिलसिले में लोग पहले सड़कों पर ज्यादा दिखते थे, लेकिन अब तो काम ही ठप्प है. ज्यादातर लोग अपनी दुकानें बंद करके या ऑफिस से छुट्टी लेकर सुबह से शाम तक बैंकों की लंबी लाइन में ही दिन निकाल रहे हैं.

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