गुरुग्राम के रेयान इंटरनेशनल स्कूल में 8 सितंबर को मासूम प्रद्युम्न ठाकुर की निर्ममता से गाला रेत कर हत्या की गई थी और तब पुलिस ने उसी स्कूल के बस कंडक्टर अशोक को इस हत्या का आरोपी बनाया था.
बाद में इस हत्या कांड की जांच सीबीआई को सौंप दी गई और अब इस मामले में एक नया मोड़ ले लिया है. जांच कर रही सीबीआई टीम ने अपने आधिकारिक बयान में कहा है कि प्रद्युम्न ठाकुर की हत्या उसी के स्कूल के 11वीं के छात्र ने की है, जिसे गिरफ्तार कर लिया गया है.
केस में आए नये मोड़ से जहां मासूम प्रद्युम्न का परिवार संतोष जाहिर कर रहा है, वही पहले आरोपी बनाए गए बस कंडक्टर अशोक के परिवार ने भी राहत की सांस ली है.
अशोक रेयान इंटरनेशनल में बस कंडक्टर का काम करता था और अपने परिवार में इकलौता कमाने वाला सदस्य था. उसकी गिरफ्तारी के बाद से उसका परिवार जैसे-तैसे जी रहा था, पर उसकी बूढ़ी मां को अपने बेटे पर भरोसा था. अशोक की मां ने कहा कि मैं जानती थी कि मेरा बेटा निर्दोष है. उसे फंसाया गया है. मैंने उसे जन्म दिया है. वो बहुत शांत स्वभाव का है. वो कभी किसी से तूतू मैं मैं भी नहीं करता था, खून का तो सवाल ही नहीं था.
अशोक की पत्नी भी खुशी से रो पड़ी. हम जब आज टीवी देखे तो पता चला और ऐसा लगा सीने पर रखा बोझ हट गया है. अशोक से शादी को 12 साल हो गए. उसने कभी अपने बच्चों पर एक हाथ नहीं उठाया, तो मासूम का खून क्या करेगा. जब मैं जेल मिलने गई तब पूछा था, किये हो तो सच बता दो. उसने मेरी और बच्चों की कसम खाई और कहा नहीं किया है. स्कूल वाले और पुलिस ने फंसाया है. हम गरीब हैं इसलिए.
अशोक के पिता की भी उम्मीदें न्यापालिका पर बढ़ी हैं. हम गरीब हैं कुछ कर नहीं सकते, इसलिए स्कूल और पुलिस ने हमें फंसा दिया है. मेरा बेटा निर्दोष है और जल्द ही सच सामने आ जायेगा.
प्रद्युम्न हत्या कांड में आए नए मोड़ ने मामले को और भी उलझा दिया है. पर 11वीं के छात्र की गिरफ्तारी ने अशोक और उसके परिवार वालों की उम्मीदें बढ़ा दी हैं.