वन्य जीवों के शिकार और इस ओर तस्करी के खिलाफ केंद्र सरकार ने एक बार फिर कड़ा रुख अपनाया है. पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने रविवार को राजधानी दिल्ली के चिड़ियाघर में तस्करों से जब्त हाथी के दांत व अन्य वन्य जीव के खालों से बने उत्पादों को नष्ट करने का काम किया है. करीब 50-60 करोड़ रुपये की अनुमानित कीमत वाले इन उत्पादों को पर्यावरण मंत्री खुद अपने हाथों से जलाया.
इस दौरान जावड़ेकर ने कहा कि सरकार वन्य जीवों के चोरी छिपे शिकार और वन्य उत्पादों के अवैध व्यापार को बर्दाश्त नहीं करेगी. उन्होंने कहा कि वन्यजीव उत्पादों के अवैध व्यापार से जैव विविधता को गंभीर खतरा है. धरती पर सभी जीवों के सहअस्तित्व की आवश्यकता पर बल देते हुए जावड़ेकर ने कहा कि सरकार जब्त किए गए उत्पादों को सार्वजनिक रूप में भस्म करके वन्यजीवों के अनैतिक और अवैध व्यापार के खिलाफ सुदृढ़ संदेश देना चाहती है.
केंद्रीय मंत्री राष्ट्रीय प्राणी विज्ञान उद्यान में जब्त किए गए अवैध उत्पादों को जलाने के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे थे. उन्होंने कहा कि पशुओं की तस्करी और चोरी-छिपे शिकार से अर्जित धन हमेशा अवैध गतिविधियों में लगाया जाता है. वन विभाग के चीफ कंजर्वेटर एके शुक्ला ने बताया कि पर्यावरण और वन मंत्रालय द्वारा नष्ट किए गए वन्यजीव उत्पादों में ऐसे उत्पाद शामिल हैं जो बाघों, हाथियों, तेंदुआ, शेर, सांप, हिरण, नेवलों, उल्लुओं आदि वन्य जीवों को मारकर निकाले गए थे.
इस अवसर पर वन्यजीवों से सम्बद्ध विभागों, वन्य जीव अपराध नियंत्रण ब्यूरो, पुलिस, सीमा शुल्क जैसी कानून लागू करने वाली एजेंसियों द्वारा अवैध गतिविधियों की रोकथाम के लिए किए गए उपायों की सराहना की गई.