केजरीवाल सरकार ने दिल्ली में एक साल तक शराब की नई दुकानों को लाइसेंस नहीं देने के फैसले पर सवाल खड़ा किया है. स्वराज अभियान के संस्थापक और केजरीवाल के पूर्व सहयोगी प्रशांत भूषण ने कहा कि ये पाबंदी पंजाब चुनाव तक के लिए है.
प्रशांत भूषण ने कहा है कि ये पाबंदी सिर्फ एक साल के लिए क्यों? क्योंकि पंजाब में अगले साल चुनाव है. जहां आप और केजरीवाल नशा के विरोध में पंजाब में कंपैनिंग कर रहे हैं और दिल्ली में शराब के ठेके बांट रहे हैं. जब स्वराज अभियान ने मुद्दा उठाया तो उन्हें लगा के पंजाब में इसका नुकसान उठाना पड़ सकता है इसलिए केजरीवाल ने इसे सिर्फ एक साल के लिए बैन किया ताकि पंजाब चुनाव के बाद फिर ठेके दिए जा सके.
प्रशांत भूषण ने पूछा कि पिछले साल भर में दिल्ली में शराब की खपत बढ़ी या कम हुई, यह घोषणा सत्ता में आते ही क्यों नहीं की गई. पहले साल भर दारू के नए ठेके क्यों खोले गए. सोचा कि किसी को पता नहीं लगेगा. इस साल भी शराब नीति अप्रैल में घोषित होनी थी, अब तक सरकार क्या कर रही है. दो हफ्ते पहले तक सरकार के ड्राफ्ट में नए ठेके न खोलने या मोहल्ला सभा की बात क्यों नहीं थी. पिछले दस दिन में सरकार का हृदय परिवर्तन क्यों हो गया. क्या यह स्वराज अभियान के भंडाफोड़ अभियान का असर था. साथ ही दिल्ली की केजरीवाल सरकार को पंजाब चुनाव का डर था.