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दिल्ली: शराब का ठेका बंद कराने पहुंचे प्रशांत भूषण

जनसुनवाई में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर जमकर हमला बोलते हुए प्रशांत भूषण ने कहा कि 'धड़ल्ले से खुले शराब के ठेकों से घर परिवार व समाज को बहुत परेशानी होती है.

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प्रशांत भूषण
प्रशांत भूषण

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शराब का विरोध इन दिनों फैशन में है. कम से कम राजनीति में तो जबरदस्त फैशन में. मंगलवार को दिल्ली के करावलनगर में जन-सुनवाई कर के स्वराज अभियान के कार्यकर्ताओं के साथ प्रशांत भूषण ने स्थानीय ठेका बंद कराने के लिए अरविंद केजरीवाल को 11 सितंबर का अल्टीमेटम दे दिया. बात भी ठीक है...बिहार में तो शराब के मटके फोड़ने वाले नीतीश कुमार का आप समर्थन करते हैं...तो दिल्ली के लोगों में भला कांटे लगे हैं?

जनसुनवाई में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर जमकर हमला बोलते हुए प्रशांत भूषण ने कहा कि 'धड़ल्ले से खुले शराब के ठेकों से घर परिवार व समाज को बहुत परेशानी होती है. जब हम आम आदमी पार्टी में थे तो यह विचार किया गया कि इसको कैसे कम किया जाए. तो सोचा गया कि वहां के लोगों और खासतौर पर वहां की महिलाओं की सहमति लेना अनिवार्य कर दिया जाए. इस बात को चुनाव के घोषणापत्र में भी लिखा गया.

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'चुनाव जीतने के बाद बदली आम आदम पार्टी '
प्रशांत भूषण ने कहा कि चुनाव जीतने के बाद आम आदमी पार्टी सब कुछ उल्टा कर रही है. जो स्वराज बिल में लिखा था आज उसको कूड़े में फेंक दिया है. जो केजरीवाल जनता, जनहित और जनता का राज की बात करते थे, आज वह बिलकुल मुकर गए हैं.

'कपिल मिश्रा की सहमति लेकर खुला ठेका'
जनसुनवाई में आए लोगों ने आरोप लगाया कि उनके विरोध के बावजूद स्थानीय विधायक और दिल्ली के जलमंत्री कपिल मिश्रा की सहमति से सितंबर 2015 में ये ठेका खुला है. और अब 11 सितंबर 2016 तक इसे बंद कराने की जिम्मेदारी भी सरकार की ही होगी. जन सुनवाई में करावल नगर की रहने वाली फातिमा ने अपने साथ हुई छीना झपटी की घटना का जिक्र किया और कहा कि इस ठेके की वजह से स्थानीय निवासियों का जीना दूभर हो गया है. ठेके के आसपास शराबियों का जमावड़ा लगा रहता है जो वही बैठ कर शराब पीते है, वहीं शौच भी करते है.

दूसरी महिला प्रमिला ने बताया कि शराबियों का खौफ ऐसा है कि यहां की महिलाएं दिन में निकलना मुनासिब नहीं समझती. जनता के आक्रोश की इस सभा में आम आदमी पार्टी के बागी विधायक पंकज पुष्कर भी मौजूद थे. उन्होंने दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया पर ये कहते हुए हमला बोला कि दिल्ली विधानसभा में पूछे गए शराब के ठेकों से संबंधित सवाल के जवाब में सरकार संतोषजनक जवाब नहीं देती. शराब के ठेकों से संबंधित सवालों के जवाब की प्रति सदस्यों या मीडिया को अब तक नहीं दी गई, जबकि हर जवाब की प्रति मीडिया से साझा की जाती है.

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