आम आदमी पार्टी के अंदर मचे घमासान के बीच बंगलुरु से अरविंद केजरीवाल की वापसी ने कलह के खत्म होने के संकेत दिए थे. लेकिन बुधवार दोहपर खबर आई कि प्रशांत भूषण ने मंगलवार को एक चिट्ठी लिखकर पार्टी के सभी पदों से इस्तीफे की पेशकश कर दी है. दिलचस्प यह है कि इस खबर के करीब डेढ़ घंटे बाद प्रशांत भूषण ने इस्तीफे की पेशकश संबंधी खबरों का खंडन कर दिया. प्रशांत ने कहा कि उन्होंने एक सामान्य चिट्ठी लिखी है और उसमें कहीं भी इस्तीफे जैसी बात नहीं है.
प्रशांत भूषण ने बताया कि उन्होंने पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल को एक चिट्ठी लिखी है, जिसमें उन्होंने कुछ मुद्दों पर अपनी नाराजगी जाहिर करते हुए और अधिक पारदर्शिता की मांग की है. इसके अलावा उस चिट्ठी में कहीं भी इस्तीफे की पेशकश जैसी बात नहीं है. भूषण ने अपनी चिट्ठी में चार प्रमुख मुद्दों का उल्लेख किया है, जिसमें पार्टी के अंदर पारदर्शिता और कार्यकर्ताओं को और अधिक अधिकार दिए जाने की मांग शामिल है. भूषण ने इस्तीफे की पेशकश ऐसे समय की है, जब मंगलवार को ही केजरीवाल और योगेंद्र यादव की कड़कड़डूमा कोर्टरूम में मुलाकात हुई है. इस दौरान 12 दिनों के रार के बाद दोनों नेताओं को आपस में बातचीत और हंसी साझा करते हुए देखा गया था.
गौर करने वाली बात यह भी है कि प्रशांत भूषण के इस्तीफे की खबर आने के बाद AAP नेता आशुतोष ने कहा कि जो भी मतभेद हैं, उसे दूर करने की कोशिश की जा रही है. आशुतोष ने कहा, 'दोनों चीजें बिल्कुल गलत हैं. वो पार्टी के सम्मानित सदस्य हैं. ऐसी अटकलें न लगाएं. जो मतभेद हैं उसे दूर करने की कोशिश कर रहे हैं. उसकी मर्यादा होती है जिसका हम पालन कर रहे हैं.' आशुतोष ने आगे कहा कि वह न तो चिट्ठी लिखते हैं और न ही लीक करते हैं.
पार्टी नेता संजय सिंह ने इस्तीफे की खबरों पर ज्यादा कुछ बोलने से मना किया और कहा कि बातचीत की एक मर्यादा होती है और उसे बरकरार रखनी चाहिए.
क्या लिखा है भूषण की चिट्ठी में
केजरीवाल को लिखी अपनी चिट्ठ में प्रशांत भूषण ने मांग की है कि पार्टी के अंदर उम्मीदवारों के चयन को लेकर नई तकनीक विकसीत की जाए और इसमें पारदर्शिता लाए जाने की जरूरत है. प्रशांत ने लिखा है, 'राज्यों के यूनिट को उनके राज्य में चुनाव लड़ने को लेकर फैसला लेने का अधिकार मिलना चाहिए. पार्टी के निर्णयों में कार्यकर्ताओं की भागीदारी बढ़ाए जाने की जरूरत है. साथ ही पार्टी को मिलने वाले चंदे और उसके खर्च में भी और अधिक पारदर्शिता लाए जाने की जरूरत है.'
पार्टी सूत्रों के मुताबिक, प्रशांत ने अपनी चिट्ठी में जिन मुद्दों का जिक्र किया है उसमें से कई मुद्दे मंगलवार को ही पीएएसी के पास समीक्षा के लिए भेज दिए गए हैं. गौरतलब है कि सोमवार को बंगलुरु से केजरीवाल के लौटने के बाद प्रशांत भूषण ने एसएसएस के जरिए उनसे मिलने का समय मांगा था. प्रशांत के साथ योगेंद्र यादव भी केजरीवाल से मिलने वाले थे, लेकिन केजरीवाल ने पार्टी के इन बागी नेताओं से खुद मिलने की बाजय, आशुतोष और संजय सिंह को मिलने और गिले-शिकवे दूर करने के लिए कहा. समझा जा रहा है कि भूषण इस बात से भी खासे नाराज हैं.