दिल्ली में सत्ता मिलते ही आम आदमी पार्टी दूसरी राजनीतिक पार्टियों के ढर्रे पर चलती नजर आ रही है. अरविंद केजरीवाल को पार्टी संयोजक पद से हटाने की इच्छा का आरोप झेल रहे योगेंद्र यादव और प्रशांत भूषण पर इस बाबत गाज गिर सकती है. बुधवार 4 मार्च को पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी (एनईसी) की बैठक में इस ओर फैसला किया जाएगा. जबकि पीएसी से हटाए जाने की अटकलों के बीच प्रशांत भूषण इस बैठक से गैरहाजिर रह सकते हैं. उन्होंने चिट्ठी लिखकर बैठक की तारीख बढ़ाने की गुजारिश की है.
प्रशांत भूषण ने इस बाबत पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी को चिट्ठी लिखी है. चिट्ठी के मुताबिक बुधवार को वह शहर में नहीं रहेंगे, लिहाजा उनका बैठक में मौजूद रहना मुश्किल है. सूत्रों के मुताबिक, इस बात की उम्मीद है कि पार्टी उनकी मांग पर बैठक टालेगी क्योंकि राष्ट्रीय कार्यकारिणी के ज्यादातर सदस्य बैठक के लिए उपलब्ध हैं.
दूसरी ओर, ऐसे संकेत हैं कि वरिष्ठ नेता योगेंद्र यादव और प्रशांत भूषण को आम आदमी पार्टी की राजनीतिक मामलों की समिति से हटाया जा सकता है. इन दोनों पर दिल्ली के मुख्यमंत्री और पार्टी संयोजक अरविंद केजरीवाल को पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक के पद से हटाने की मुहिम छेड़ने का आरोप है. AAP नेता संजय सिंह ने कहा कि वरिष्ठ नेताओं के बयान से कार्यकर्ताओं में निराशा फैलती है. राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में इस बाबत फैसला किया जाएगा.
सोमवार को संजय सिंह ने कहा कि केजरीवाल के खिलाफ मुहिम सही नहीं है. वरिष्ठ नेताओं को पार्टी फोरम में अपनी बात रखनी चाहिए. चिट्ठी लीक किए जाने पर संजय सिंह ने कहा कि यह सब सही नहीं है. पार्टी लोगों के बीच मजाक बनती जा रही है.
राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में पार्टी के 21 वोटिंग मेंबर शामिल होंगे. सूत्रों के मुताबिक, पार्टी योगेंद्र यादव और प्रशांत भूषण के खिलाफ कड़े कदम उठा सकती है. सोमवार को संजय सिंह ने भी स्पष्ट किया कि पार्टी चिट्ठी लीक करने वालों के खिलाफ कदम उठाएगी, वहीं इस बीच योगेंद्र यादव ने कहा कि AAP में संकट की खबरें गढ़ी जा रही हैं. उन्होंने कहा, 'हमारे खिलाफ आरोप मढ़े जा रहे हैं और साजिश रची जा रही हैं. ये सभी खबरें काल्पिनक हैं.' पार्टी नेताओं ने योगेंद्र यादव और प्रशांत भूषण के खिलाफ 'अनुशासन कमेटी' में शिकायत की है.