एक तरफ, दिल्ली की मुख्यमंत्री शीला दीक्षित विकास के बड़े-बड़े दावे कर रही हैं और एक बारिश क्या हुई कि वे भगवान का आसरा ताकने लगी हैं. मुख्यमंत्री ने सोमवार को बारिश से पैदा हुई प्रोब्लम का एक अजीब-सा हल पेश करते हुए कहा कि लोग भगवान से प्रार्थना करें कि अब और वर्षा न हो.
राजधानी दिल्ली में बीते शनिवार को हुई भारी बारिश से शहर में पैदा हुई जलजमाव की समस्या से निपटने में सरकार की असफलता उजागर होने के बाद शीला दीक्षित का इस तरह का बयान देना वाकई हैरान करने वाला है.
यह पूछे जाने पर कि शहर में जलजमाव की समस्या से निपटने को लेकर उन्होंने क्या योजना बनाई है, क्योंकि प्रशासन के जलनिकासी व्यवस्था में सुधार की असफलता के चलते लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा था, शीला दीक्षित ने कहा, ‘भगवान से प्रार्थना कीजिये कि बारिश रक जाए.’
शीला ने शनिवार को चार घंटे की भारी बारिश के बाद सड़कों और विभिन्न क्षेत्रों में जलजमाव के लिए नगर निकायों को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि नगर निगमों को इस समस्या का हल खोजना होगा.
बारिश के बाद शहर में भारी अव्यवस्था की ओर ध्यान आकर्षित किये जाने पर मुख्यमंत्री ने कहा, ‘मैं किसी की जिम्मेदारी तय करने में नहीं पड़ना चाहती. यह नगर निकायों की जिम्मेदारी है.’
शनिवार को हुई वर्षा के बाद राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली का जनजीवन अस्तव्यस्त हो गया था, क्योंकि सड़कों पर पानी भर गया था. बड़े पैमाने पर जाम लग गया था. यात्री घंटों फंसे रहे.