उत्तर प्रदेश में जगहों के नाम बदलने की राजनीति के बाद अब दिल्ली में भी इसकी गूंज सुनाई देने लगी है. दिल्ली विधानसभा में मुस्तफाबाद विधानसभा क्षेत्र का नाम बदलने को लेकर एक नया प्रस्ताव लाएंगे. बीजेपी विधायक और विधानसभा उपाध्यक्ष मोहन सिंह बिष्ट यह प्रस्ताव रखेंगे कि मुस्तफाबाद विधानसभा का नाम बदलकर शिव विहार किया जाए.
क्या है प्रस्ताव और इसका आधार?
दिल्ली विधानसभा में आज इस मुद्दे पर चर्चा होगी. प्रस्ताव के अनुसार, बिष्ट ने कहा है कि जब किसी क्षेत्र में 60% से अधिक आबादी हिंदुओं की हो, तो उस क्षेत्र का नाम मुस्तफाबाद क्यों होना चाहिए? इसका नाम 'शिव विहार' क्यों नहीं रखा जाना चाहिए? यह बयान चुनाव के बाद से ही सुर्खियों में था, और अब इसे औपचारिक रूप से विधानसभा में उठाया जाएगा.
क्या सरकार बदल सकती है नाम?
हालांकि, यह प्रस्ताव सिर्फ एक निजी सदस्य प्रस्ताव (Private Member Resolution) है, न कि सरकार द्वारा लाया गया कोई आधिकारिक प्रस्ताव. इसके अलावा, किसी भी विधानसभा क्षेत्र का नाम बदलने का अधिकार राज्य सरकार के पास नहीं होता. यह निर्णय केवल निर्वाचन आयोग (Election Commission) ले सकता है. ऐसे में, इस प्रस्ताव के पीछे की मंशा को राजनीतिक स्टंट के रूप में भी देखा जा रहा है.
नाम बदलने की राजनीति और इसके मायने
हाल के वर्षों में उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और अन्य राज्यों में कई जगहों के नाम बदले गए हैं. अयोध्या, प्रयागराज, बनारस जैसे शहरों में ऐतिहासिक या धार्मिक आधार पर नाम परिवर्तन हुए हैं. अब दिल्ली में भी इस तरह की मांगें उठने लगी हैं.
मुस्तफाबाद का नाम बदलने का प्रस्ताव राजनीति का एक नया मोड़ हो सकता है. फिलहाल, इस मुद्दे पर दिल्ली विधानसभा की चर्चा का इंतजार किया जा रहा है.