दिल्ली के नए उपराज्यपाल का नाम तय हो गया है. अनिल बैजल दिल्ली के अगले एलजी होंगे. केंद्र सरकार ने बैजल के नाम की सिफारिश करते हुए फाइल राष्ट्रपति के पास भेज दी है. राष्ट्रपति ने भी नियुक्ति को मंजूरी दे दी है. राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने नजीब जंग का इस्तीफा मंजूर कर लिया है. 1969 बैच के आईएएस अफसर अनिल बैजल अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में गृह सचिव रहे हैं.
इसके अलावा बैजल दिल्ली विकास प्राधिकरण के वाइस प्रेसिडेंट रहे हैं और इनकी इमेज एक तेजतर्रार अफसर के तौर पर रही है. वो इंडियन एयरलाइंस के सीएमडी, प्रसार भारती के सीईओ, गोवा के डेवलपमेंट कमिश्नर के तौर पर भी काम कर चुके हैं.
अनिल बैजल का डोभाल कनेक्शन
बैजल विवेकानंद इंटरनेशनल फाउंडेशन के कार्यकारिणी समिति के सदस्य रहे हैं. केंद्र की मोदी सरकार इस संस्थान के कई सदस्यों को वरिष्ठ पदों पर नियुक्त करती रही है, जिनमें राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल और पीएम मोदी के मुख्य सचिव नृपेंद्र मिश्र प्रमुख हैं. इलाहाबाद विश्वविद्यालय से एमए की डिग्री हासिल करने वाले बैजल स्क्वैश, बैडमिंटन और टेनिस खेलना पसंद है. करीब 37 साल की सेवा के बाद 2006 में शहरी विकास मंत्रालय के सचिव पद से रिटायर हुए थे.
दिल्ली की राजनीति होगी दिलचस्प
नए उपराज्यपाल के पदभार संभालने के बाद दिल्ली की राजनीति किस करवट बदलेगी ये देखना दिलचस्प होगा, क्योंकि नजीब जंग और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के बीच अफसरशाह के चयन से लेकर फाइलों तक की जंग हर बार देखने को मिली है. नए एलजी के सामने सबसे बड़ी चुनौती एलजी आफिस और मुख्यमंत्री आफिस में जारी टकराव के बीच संतुलन बनाए रखने की होगी, जिसके आसार फिलहाल कम दिखता ही है. इसकी सबसे बड़ी वजह शुंगलू आयोग की रिपोर्ट भी होगी, जिसका गठन नजीब जंग ने की थी और केजरीवाल सरकार के फैसलों से संबंधित करीब 400 फाइलों की जांच के बाद इस समिति ने अपनी रिपोर्ट एलजी आफिस को सौंप रखी है.