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पढ़ने के लिए अंग्रेजी अखबार और नाश्ते में ब्रैड, तिहाड़ में ऐसा है कैदियों का जीवन

एसी और कूलर नहीं है. सिर्फ पंखा है. कूलर इसलिए नहीं क्योंकि उसकी पंखी तोड़ कर ब्लेड बना लेते हैं. सुरक्षा को खतरा हो सकता है.

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तिहाड़ जेल
तिहाड़ जेल

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जेल का नाम आते ही सभी के दिमाग में खूंखार कैदी नजर आते हैं, जिनके प्रति किसी की भी सहानुभूति नहीं होती है. लेकिन दूसरी तरफ जेल में कैदियों के साथ होने वाले खराब बर्ताव की खबरें भी आती रहती हैं, जो किसी को भी विचलित कर सकती हैं. यहां हम आपको बताने जा रहे हैं कि तिहाड़ जेल में कैदियों के लिए क्या कुछ सुविधाएं हैं, उन्हें खाने में क्या कुछ मिलता है. दिल्ली में स्थित तिहाड़ का परिसर दक्षिण एशिया में सबसे बड़ा हैं.

ऐसा होता है कैदियों का तिहाड़ में जीवन:

1- एसी और कूलर नहीं है. सिर्फ पंखा है. कूलर इसलिए नहीं क्योंकि उसकी पंखी तोड़ कर ब्लेड बना लेते हैं. सुरक्षा को खतरा हो सकता है.

2- सेल में सब अकेले सोते हैं. हां, कोई किसी को साथ सुलाना चाहे तो सुप्रींटेंडेट इजाजत दे सकता है. पर फिर दो लोग और सोएंगे. यानी एक या तीन ही साथ सो सकते हैं. दो नहीं.

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3- खाना जेल का और कैंटीन का मिलता है. हफ्ते में दो दिन घर का खाना आता है. कैंटीन में साउथ इंडियन डिश के अलावा छोले-भटूरे भी हैं.

4- हफ्ते में कैंटीन से सिर्फ दो हजार का खाना खरीद सकते हैं.

5- नॉन वेज नहीं मिलता है. जब किरन बेदी जेलर थीं, तब जेल को आश्रम का नाम दिया था, तभी से जेल में नॉन वेज पर पाबंदी है.

6- कैंटीन से खाने-पीने के अलावा साबुन, पेस्ट, शेव का सामान, कोल्ड ड्रिंक्स, चिप्स, केक, चॉकलेट, बाल्टी, जग, शैंपू, मिनरल वाटर भी मिलता है.

7- खाने के लिए जेल के खाने के तहत सुबह नाश्ते में दो ब्रेड, सब्जी, चाय दी जाती है.

8- दोपहर और रात के खाने में चार सौ ग्राम चावल या आटा.

9- 90 ग्राम दाल और 25 ग्राम सब्जी दी जाती है.

10- कपड़े जेल में प्रेस करा सकते हैं.

11- सोने के लिए हर सेल में गर्मी में एक चादर बिछाने को एक ओढ़ने को और एक तकिया दिया जाता है.

12- घर से भी चादर मंगा सकते हैं, अगर अंडरट्रायल यानी विचाराधीन कैदी हैं. लिहाजा ये घर से लाए कपड़े पहनते हैं. जेल के नहीं.

13- विचाराधीन कैदी काम नहीं करते. इन्हें एक हफ्ते में घर से दो हजार रुपये मंगाने की छूट है.

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14- हर सैल में टीवी है. टीवी पर 25 चैनल हैं. कई साउथ इंडियन चैनल भी लगाए गए हैं. चैनल सिर्फ वही हैं, जिनसे भावनाएं ना भड़कें. भड़कीले मयूजिक चैनल और फैशन टीवी पर रोक है. अंग्रेजी-हिंदी अखबार भी है.

15- विचाराधीन कैदी को किताबें, घड़ी, जूते, चप्पल जेल ले जाने की छूट है. जेवर, नगदी, मोबाइल, लेपटॉप, तौलिया, गमछा ले जाने पर मनाही है. इससे फंदा लगाने का खतरा रहता है.

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