राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में नई आबकारी नीति के तहत शराब की दुकानें खुल गई हैं. पुरानी आबकारी नीति के तहत 60 फीसदी दुकानें सरकारी और 40 फीसदी प्राइवेट होती थीं, लेकिन आज बुधवार से 100 फीसदी दुकानें प्राइवेट होंगी. दुकानें खुली जरूर, लेकिन कुछ ही देर में इनका विरोध हुआ और शटर गिराना पड़ा.
निर्माण विहार के पास राधेपूरी में पंजाब नेशनल बैंक के पास खुले प्राइवेट शराब के ठेके पर शराब की खेप तो पहुंची, लेकिन विरोध के चलते शटर को गिराना पड़ा. मार्बल कारोबारी सोहन सिंघल का कहना है कि जहां पर शराब का ठेका खुला है, वहां चंद कदमों की दूरी पर ही मंदबुद्धि बच्चों का मनोविकास स्कूल है. इसलिये यहां ठेका खोलना ठीक नहीं है.
बिजनेसमैन अनिल कंवर ने कहा राधेपुरी चौक पर स्थित दुकान नंबर 18/2 सर्विस रोड पर है. यहां रेड लाइट भी है. और शराब का ठेका खुला तो यहां ट्रैफिक जाम लगा ही रहेगा.
वहीं, कालका जी के पास ठेके को बंद करने के लिए धरना शुरू हो गया. स्थानीय निवासी मनप्रीत ने बताया कि गोविंदपुरी गली नंबर 4 के बाहर आवासीय एरिया में ठेका होना गलत है. यहां मंदिर भी है और 100 मीटर के अंदर ही स्कूल भी. यहां क्राइम रेट ज्यादा है इसलिए यहां ठेका बंद होना चाहिए.
उधर, कस्तूरबा नगर विधानसभा क्षेत्र स्थित सेवा नगर में महिलाओं ने शराब के ठेके खुलने का विरोध करते हुए कहा कि इसके खुलने से महिलाओं के साथ छेड़खानी की घटनाएं बढ़ेंगी. कई साल पहले भी ठेके के पास ही एक हत्या होने के बाद हाईकोर्ट के आदेश पर ठेके को बंद करना पड़ा था. सेवा नगर मार्केट एसोसिएशन के अध्यक्ष मनोज सिक्का ने कहा कि वह ठेके को बंद करने के लिए हाईकोर्ट का रुख करेंगे. पार्षद अभिषेक दत्त का कहना है कि ठेके को बंद करवाने के लिए इलाके के डिप्टी कमिश्नर का घेराव किया गया.