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दिल्ली में 19 लाख गाड़ियों का RC हो सकता है सस्पेंड, प्रदूषण सर्टिफिकेट नहीं होने पर एक्शन के लिए आने लगे नोटिस

PUC Certificate Mandatory in Delhi: दिल्ली में अब आप अगर बिना PUC के गाड़ी चला रहे हैं तो आप पर कार्रवाई हो सकती है. इसके लिए नए नियम लाए जाने की चर्चा सामने आई है. बताया जा रहा है कि जिन भी लोगों के पास PUC नहीं है उनकी गाड़ियों के रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट सस्पेंड कर दिए जाएंगे. पढ़ें पूरी खबर...

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PUC सर्टिफिकेट नहीं होने पर अब होगी कार्रवाई (सांकेतिक तस्वीर)
PUC सर्टिफिकेट नहीं होने पर अब होगी कार्रवाई (सांकेतिक तस्वीर)

PUC Certificate Mandatory in Delhi: दिल्ली में जिन वाहन मालिकों के पास प्रदूषण सर्टिफिकेट नहीं है, उन पर अब कार्रवाई करने के लिए कमर कसी जा रही है.  मंगलवार को अधिकारियों ने कहा कि वाहन मालिकों के पास अपने वाहनों के लिए वैध प्रदूषण नियंत्रण प्रमाणपत्र यानी PUC नहीं है, उन्हें रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट के निलंबन का सामना करना पड़ सकता है. उन्होंने कहा कि दिल्ली परिवहन विभाग उन मालिकों को नोटिस जारी कर रहा है जिनके वाहनों के पास वैध PUC नहीं है और चेतावनी दी है कि अगर उन्हें एक सप्ताह के अंदर सर्टिफिकेट नहीं मिला तो उनका रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट सस्पेंड किया जा सकता है.

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उन्होंने कहा कि करीब 19 लाख वाहन ऐसे हैं जिनके पास वैध पीयूसीसी नहीं है, लेकिन यह जानने की कोई तकनीक नहीं है कि ऐसे वाहन सड़कों पर चल रहे हैं या नहीं. परिवहन विभाग के एक शीर्ष अधिकारी ने कहा कि इसलिए, जांच करने के लिए प्रवर्तन दल गठित किए गए हैं, जबकि वाहन मालिकों को एसएमएस भी भेजे जा रहे हैं कि अगर उन्हें एक सप्ताह के भीतर वैध पीयूसीसी नहीं मिला तो उनका रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट सस्पेंड किया जा सकता है. अधिकारी ने कहा कि वाहनों का प्रदूषण दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण के स्तर के मुख्य कारणों में से एक है, खासतौर से सर्दियों के महीनों के दौरान. उन्होंने कहा कि वे इसे रोकने के उपाय कर रहे हैं.

इससे पहले दिल्ली सरकार में पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने शनिवार को घोषणा की थी कि 25 अक्टूबर से वैध पीयूसीसी दिखाए बिना वाहन मालिकों को दिल्ली के पेट्रोल पंपों पर ईंधन उपलब्ध नहीं कराया जाएगा. अधिकारी के अनुसार, सरकार ने पेट्रोल पंपों के निर्देशों का पालन सुनिश्चित करने के लिए प्रवर्तन टीमों का गठन किया है. बता दें कि कार्बन मोनोऑक्साइड (CO) और कार्बन डाइऑक्साइड (CO2) जैसे विभिन्न प्रदूषकों के लिए वाहनों का समय-समय पर उनके मानकों के लिए परीक्षण किया जाता है, जिसके बाद उन्हें PUC सर्टिफिकेट दिया जाता है.

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दिल्ली में परिवहन विभाग द्वारा अधिकृत 900 से अधिक प्रदूषण जांच केंद्र हैं. उचित दिशा-निर्देशों और परीक्षण मानकों का पालन किया जा रहा है या नहीं, इसकी जांच के लिए सरकार की प्रवर्तन टीमें स्टेशनों पर औचक निरीक्षण भी कर रही हैं. एक अधिकारी ने कहा कि इस घोषणा के बाद कि वैध पीयूसीसी वाले लोगों को ही ईंधन दिया जाएगा, ऐसे में पीयूसीसी के लिए वाहन मालिकों की भीड़ भी बढ़ गई है. पेट्रोल और सीएनजी से चलने वाले दोपहिया और तिपहिया वाहनों के मामले में प्रदूषण जांच का शुल्क 60 रुपये है. वहीं चार पहिया (पेट्रोल) के लिए 80 रुपये और डीजल से चलने वाले चार पहिया वाहनों के लिए 100 रुपये है.


क्यों जरूरी है PUC?

दिल्ली में वाहनों का प्रदूषण एक बड़ा फेक्टर है. PUC चेकिंग के लिए बड़ी टीम तैनात की गई है, लेकिन एक रिपोर्ट में समाने आया है कि इस मामले में बड़ा तबका लापरवाही कर रहा है और प्रदूषण सर्टिफिकेट रिन्यूअल नहीं करवा रहा है, ऐसे में गाड़ियों से प्रदूषित धुआं दिल्ली की हवा ख़राब कर रहा है. जब प्रदूषण का स्तर Very Poor श्रेणी में पहुंचता है तो स्थिति खराब हो जाती है, इसलिए सरकार ने पिछले साल मार्च महीने में इस फैसले पर विचार करना शुरू किया था.

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कैसे हुई इसकी शुरुआत?

दिल्ली सरकार द्वारा आम लोगों के सुझाव के लिए मार्च 2021 में एक पब्लिक नोटिस जारी किया था. इसके अलावा अलग-अलग विभागों के सुझाव भी अबतक इस पॉलिसी में शामिल किए गए हैं. लोगों का मानना है कि जान के साथ खिलवाड़ करके प्रदूषण फैलाने वालों पर सख़्ती की जाए. इसके बाद सरकार ने PUC से जुड़े अहम कदम उठाने की शुरुआत की.

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