नोटबंदी के तुरंत बाद खाने-पीने और राशन सब्जी से लेकर किचन तक सबकी कीमते तेजी से बढ़ी थी लेकिन अब कीमतें तेजी से नीचे गिरी है. दालों की कीमतों में 30 प्रतिशत तक की गिरावट देखी गई है. नोटबंदी के बाद से दाल अपने निचले स्तर पर है, दालें अभी बीते दो वर्षों के निचले स्तर पर है.
नया बाजार के दाल कारोबारी मनीष सिंघल ने बताया कि नोटबंदी से कालाबाजारी और जमाखोरी पर लगाम लगी है. बताया गया कि पहले कैश के जरिए लेनदेन होता था इसलिए बगैर हिसाब के लोग बड़ी तादाद में जमाखोरी कर लेते थे और फिर महंगाई होने का इंतजार करते थे. इससे कालाबाजारी भी खूब होती थी पर अब वो भी खत्म हो गया अब सारा लेनदेन पेपर पर होता है ऐसे में सेल्स टैक्स से लेकर सबकी नजर भी रहती है. हालांकि अभी रिटेल में कीमतें पहले की ही तरह हैं परमाना जा रहा है अगले 15 दिन में रिटेल में भी नई गिरी हुई कीमतें लागू हो जांएगी.
नया बाजार की इस होलसेल मंडी में अब लोग कैशलेस की ओर भी तेजी से बढ़ रहे है, मार्केट मे एंट्री करते हुए ही पहली दुकान सिंधी किरानास्टोर में आनलाइन पेमेंट कर के घर का हर राशनखरीद सकते है. यहां सभी डेबिट क्रेडिटकार्ड से लेकर सभी ई वालेट से खरीददारी कर सकते है. यही वजह है कि शुरूआत में सन्नाटे मे रहने वाली इन होलसेल मार्केट्स में अब स्थिति सामान्य होती जा रही है. हालांकि अभी भी लोगों को कैश पाने में परेशानी हो रही है पर माना जा सकता है कि आने वाले दिनों में स्थिति पूरी तरह सामान्य हो जाएगी.
देखिये एक माह पहले और इस माह दाल की कीमतों में अंतर, (यह कीमतें थोक बाजार की हैं)
दाल 20 नवंबर 20 दिसंबर
चना दाल 140 110
अरहर दाल 105 70
मूंग दाल 75 60
मसूर दाल 75 60
आटा 28 25