दिल्ली शराब नीति घोटाला मामले में गिरफ्तार मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को कोर्ट से गुरुवार को भी राहत नहीं मिली. कोर्ट ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद सीएम केजरीवाल की 5 दिन की ईडी रिमांड मंजूर कर दी. ईडी ने कोर्ट से 7 दिनों की रिमांड की मांग की थी. इस दौरान दो पक्षों ने मजबूती से अपनी-अपनी दलीलें रखीं. एक तरफ केजरीवाल ने अपनी गिरफ्तारी पर सवाल उठाए तो वहीं ईडी ने कोर्ट से कहा कि अभी केजरीवाल से पूछताछ बाकी है.
ईडी ने कोर्ट में जो रिमांड कॉपी पेश की, इसमें गोवा और पंजाब से भी इस मामले के लिंक का जिक्र किया गया है. ईडी के मुताबिक इससे पहले जो कोर्ट से 7 दिन की रिमांड मिली थी, उसमें 5 दिन तक अरविंद केजरीवाल के बयान दर्ज किए गए. अभियुक्त और पूरे मामले के मास्टरमाइंड के रूप में केजरीवाल के बयान 23 से लेकर 27 मार्च तक दर्ज किए गए. इनके अलावा 3 और लोगों के बयान भी इसी संदर्भ में दर्ज किए गए. इनमें मनीष सिसोदिया के पूर्व सचिव सी अरविंद भी शामिल हैं. उनको ही अरविंद केजरीवाल की मौजूदगी में उनके घर पर GoM की रिपोर्ट का मसौदा दिया गया.
गोवा के AAP उम्मीदवार से हुई पूछताछ
ईडी ने कोर्ट में बताया कि गोवा में आम आदमी पार्टी के एक उम्मीदवार के भी बयान दर्ज किए गए हैं, जिसने बताया कि गोवा में चुनाव के पूरे खर्च का हिसाब किताब आम आदमी पार्टी का दिल्ली ऑफिस रख रहा था. उनको खर्च के लिए नकद रकम दी जा रही थी. 21 मार्च को केजरीवाल की गिरफ्तारी के दौरान उनकी पत्नी का एक फोन जब्त किया गया. उसके डेटा की जांच चल रही है. केजरीवाल के पास से 4 डिजिटल डिवाइस मिले हैं. उनके वो पासवर्ड नहीं बता रहे हैं. उनका कहना है कि वो ये सब अपने वकील से पूछकर बताएंगे. दरअसल, एजेंसी ने दलील दी है कि आम आदमी पार्टी ने शराब नीति के लिए साउथ की शराब कंपनी से ली 100 करोड़ की रिश्वत में से 45 करोड़ का इस्तेमाल गोवा चुनाव में किया था.
केजरीवाल के विजिटर डेटा का इंतजार
ईडी की रिमांड कॉपी के मुताबिक केजरीवाल ने अपने आईटीआर, चल और अचल संपत्तियों की जानकारी अभी तक नहीं दी है. उनसे सीएम ऑफिस का विजिटर रजिस्टर भी मांगा गया तो उन्होंने बताया कि वहां ऐसा कोई रजिस्टर मेंटेन नहीं होता. हमें बताया गया कि सीएम से मिलने का ऑनलाइन पोर्टल है और रजिस्ट्रेशन है. उसकी जानकारी का इंतजार है.
पंजाब के अधिकारियों को पूछताछ के लिए बुलाया
ईडी ने कोर्ट में बताया कि पंजाब के आबकारी विभाग में कार्यरत कुछ अधिकारियों को भी पूछताछ के लिए बुलाया गया है. वो लोग दिल्ली के शराब कारोबारियों पर घूस नहीं देने पर दबाव डालने में शामिल थे. रिश्वत नहीं देने पर ऐसे कारोबारियों की फैक्ट्रियां बंद हो गईं या वो अपना माल पंजाब में सप्लाई नहीं कर पाए.
केजरीवाल ने कोर्ट में दी ये दलीलें
केजरीवाल ने कहा कि हम ईडी अधिकारियों को धन्यवाद देना चाहते हैं जो सहयोग कर रहे हैं. यह मामला ढाई साल से चल रहा है. केजरीवाल ने कहा कि वह कुछ कहना चाहते हैं. इस पर कोर्ट ने उन्हें बोलने की इजाजत दे दी. इसके बाद केजरीवाल ने कहा कि मैं आपको बताना चाहूंगा कि मेरा नाम क्यों आया. मुझे न तो गिरफ्तार किया गया और न ही किसी अदालत में मुकदमा चलाया गया. 31000 पेज दाखिल किए गए हैं. उन्होंने आगे कहा-
1. मेरा नाम चार जगहों पर आया. आरोप ये है कि सी अरविंद (सिसोदिया के पूर्व सेक्रेट्री) ने मेरे घर पर सिसोदिया को दस्तावेज दिए. मेरे घर सैकड़ों लोग आते हैं. आप मुझे इस आरोप में गिरफ्तार कर सकते हैं. कोर्ट ने कहा कि इसे लिखित में दें.
2. दूसरा मामला श्रीनिवासन का है, जो ट्रस्ट खोलने के लिए जमीन की बात करने के लिए मेरे घर आया था. हमने कहा आप प्रस्ताव दीजिए हम एलजी को देंगे, फिर ईडी ने श्रीनिवासन के घर पर छापा मारा और जब बेटा गिरफ्तार हुआ तो बात खत्म हो गई. जब श्रीनिवास अपना बयान बदलते हैं तो उन्हें जमानत मिल जाती है. ईडी का मकसद हमें फंसाना है. ईडी ने जो 25000 पन्ने दाखिल किए हैं, उनमें केजरीवाल के खिलाफ बयान दिया गया है, जो अनुकूल बयान नहीं है.
3. राघव मंगुटा के सात बयान हैं, उनमें से 6 में मेरा नाम नहीं है, सातवें में जब वह मेरे खिलाफ बयान देता है तो उसे जमानत मिल जाती है. शराब घोटाले का पैसा कहां है? 100 करोड़ रुपये का आरोप लगाया जा रहा है. जस्टिस संजीव खन्ना का एक आदेश है, जिसमें कहा गया है कि ये संदिग्ध है. शरत रेड्डी के 9 में से 8 बयानों में मेरे खिलाफ रिश्वत की बात नहीं है. लेकिन 9वें बयान में जैसे ही वो मेरे खिलाफ बोलता है तो उसे जमानत मिल जाती है.
4. ईडी की जांच के दो मकसद हैं. माहौल बनाना और ईडी की धमकी देकर पैसा इकट्ठा करना. शरत रेड्डी ने इलेक्टोरल बॉन्ड से 55 करोड़ रुपये का चंदा दिया. ईडी का उद्देश्य आप पार्टी को नष्ट करना और कुचलना है. शरत रेड्डी को 55 करोड़ रुपये का चंदा देने के बाद जमानत मिली थी. गिरफ्तार होने के बाद शरत रेड्डी ने बीजेपी को 55 करोड़ रुपये का चंदा दिया था. बॉन्ड की कॉपी हमारे पास है.
6. जांच का उद्देश्य पैसा वसूलना, AAP को कुचलना है.
7. केजरीवाल ने कहा कि बॉन्ड की कॉपी कोर्ट को दें.
8. जब तक ईडी मुझे अपनी हिरासत में रखना चाहती है मैं जांच के लिए तैयार हूं.
21 मार्च को गिरफ्तार हुए थे केजरीवाल
बता दें कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को ईडी ने लगभग दो घंटे की पूछताछ के बाद 21 मार्च को उनके आधिकारिक आवास से गिरफ्तार किया था. दिल्ली शराब घोटाले में उन्हें राउज एवेन्यू कोर्ट ने ईडी की हिरासत में भेज दिया था. अपनी गिरफ्तारी के बाद भी अरविंद केजरीवाल ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा नहीं दिया है. आम आदमी पार्टी के नेताओं का कहना है कि वह दिल्ली के मुख्यमंत्री बने रहेंगे और जरूरत पड़ने पर जेल से सरकार चलाएंगे.