मानहानि के केस में अपने को समन करने के खिलाफ कोर्ट पहुंचे आम आदमी पार्टी के प्रवक्ता राघव चड्ढा को हाईकोर्ट से कोई राहत नही मिली है. हाईकोर्ट ने राधव की याचिका को ये कहकर खारिज कर दिया है कि उन पर मानहानि का केस चलाने के लिए पर्याप्त सबूत हैं. अरुण जेटली ने अरविंद केजरीवाल, राघव चड्ढा समेत 6 लोगों पर डीडीसीए से जुडे मामले में मानहानि का केस किया हुआ है.
इसमें राघव चड्ढा को जब समन किया गया तो राघव चड्ढा ने इसे ये कहकर चुनौती दी थी कि उन्होंने सिर्फ केजरीवाल के ट्वीट को रीट्वीट किया था और उन पर मानहानि का केस सिर्फ रीट्वीट करने पर नहीं बनाया जा सकता. हाईकोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि रीट्वीट मानहानि के दायरे में आता है या नहीं, यह इस मामले में ट्रायल कोर्ट ही तय करेगा.
हालांकि, हाईकोर्ट ने अपना आदेश सुनाते हुए कहा कि हम इस केस की मेरिट्स पर नहीं जा रहे है. न ही हम इस पर कुछ तय कर रहे है कि रीट्वीट करना मानहानि के दायरे में आता है या नहीं, लेकिन इलेक्ट्रॉनिक ईवीडेन्स और दस्तावेज इस बात के लिए पर्याप्त है कि राघव चड्ढा पर मानहानि का केस चलाया जा सकता है. राघव सुप्रीम कोर्ट में अपने समन के खिलाफ चले गए थे, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले को हाईकोर्ट में ट्रांसफर कर दिया था.
हालांकि, हाईकोर्ट के आदेश से इस बात का कोई जवाब नही मिला है कि रीट्वीट मानहानि के दायरे में आता है या नहीं, लेकिन राघव को हाईकोर्ट से राहत न मिलने के कारण अब केजरीवाल समेत इस मामले के बाकी आरोपियों के लिए भी ट्रायल से बचना मुशकिल होगा.