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Monsoon 2022: दिल्ली के लिए अगस्त रहा सूखा, सितंबर में बारिश को लेकर जानें IMD का अनुमान

Delhi Weather: देश की राजधानी दिल्ली में 4 सितंबर को अधिकतम तापमान में गिरावट देखने को मिल सकती है. मौसम विभाग के मुताबिक, अगले 4-5 दिनों में दिल्ली में न्यूनतम तापमान 27 डिग्री सेल्सियस और अधिकतम तापमान 38 डिग्री सेल्सियस बना रहेगा. 5 सितंबर और 8 एवं 9 सितंबर को गरज के साथ बारिश होने की सभावना है.

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Delhi Rain and Monsoon Latest Updates
Delhi Rain and Monsoon Latest Updates

Delhi Rain and Monsoon Updates: राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में शुक्रवार को हुई बारिश ने उमस भरी गर्मी से राहत दी है. मौसम विभाग (IMD) के मुताबिक, दिल्ली में आज (शनिवार), 3 सितंबर को अधिकतम तापमान 38 डिग्री सेल्सियस जबकि न्यूनतम तापमान 27 डिग्री सेल्सियस तक रहने की उम्मीद है. वहीं, अगले 24 घंटे में हल्की बारिश या बूंदाबांदी की संभावना है. IMD के मुताबिक, देश की राजधानी दिल्ली में 4 सितंबर को अधिकतम तापमान में गिरावट देखने को मिल सकती है.

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मौसम विभाग के मुताबिक, अगले 4-5 दिनों में दिल्ली में न्यूनतम तापमान 27 डिग्री सेल्सियस और अधिकतम तापमान 38 डिग्री सेल्सियस बना रहेगा. 5 सितंबर और 8 एवं 9 सितंबर को गरज के साथ बारिश होने की सभावना है.

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Delhi Weather Forecast IMD Updates

दिल्ली में 14 वर्षों में सबसे कम बारिश
मौसम विभाग के मुताबिक, देश की राजधानी में मॉनसून की पर्याप्त बारिश नहीं हुई है. अगस्त का महीना भी शुष्क रहा है. आईएमडी के आंकड़ों के अनुसार, दिल्ली में अगस्त में केवल 41.6 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई, जो बीते लगभग 14 वर्षों में सबसे कम है. IMD ने इसका प्रमुख कारण उत्तर पश्चिम भारत में मौसम प्रणाली की अनुपस्थिति को माना है.

मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के आंकड़ों के अनुसार, सफदरजंग वेधशाला ने अगस्त में 247 मिमी. की सामान्य बारिश के मुकाबले केवल 41.6 मिमी. बारिश दर्ज की. आईएमडी की वेबसाइट पर उपलब्ध आंकड़ों के मुताबिक, राजधानी में पिछले साल अगस्त में 214.5 मिमी, 2020 में 237 मिमी. और 2019 में 119.6 मिमी. बारिश दर्ज की गई थी.

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IMD के पूर्वानुमान के मुताबिक, दिल्ली में अगले पांच से छह दिनों में आसमान में बादल छाए रहेंगे और हल्की से मध्यम बारिश होने की संभावना है. मौसम विशेषज्ञों का मानना है कि बंगाल की खाड़ी के उत्तर-पश्चिमी हिस्से के ऊपर बने तीन निम्न दबाव वाले क्षेत्र के चलते मॉनसून मध्य भारत में टिका और लंबी अवधि तक उत्तर की ओर नहीं बढ़ पाया.

 

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