बारिश के बाद दिल्ली एक बार फिर जाम और जलभराव से जूझ रही है. एशिया के सबसे बड़े बाजार सदर बाजार का तो और भी बुरा हाल है. यहां इतना पानी भर गया कि खरीदार खरीदारी नहीं कर सके और दुकानदार अपना सामान बचाने के लिए जूझते रहे लेकिन एजेंसिया पानी निकालने के बजाय एक दूसरे पर जिम्मेवारी थोपती रहीं.
एक दिन की बारिश में एमसीडी और पीडब्ल्यूडी के सारे धावे धुल गए. उनका खोखलापन फिर सबके सामने आ गया. मॉनसून से पहले सरकार हो या एमसीडी सब दावा करते घूम रहे थे कि इस बार जलभराव नहीं होगा और दिल्लीवालों को जाम से नहीं जूझना पड़ेगा लेकिन नतीजा फिर वही ढाक के तीन पात.
जाहिर है एमसीडी और सरकार आपसी लड़ाई में उलझे हुए हैं. दोनों जलभराव के लिए एक दूसरे पर तलवारें ताने हुए हैं और दोनों के आरोप प्रत्यारोप के बीच पिस रही है दिल्ली की जनता.