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दिल्ली की राजेंद्र नगर विधानसभा सीट पर हो रहे उपचुनाव के लिए 23 जून को वोट डाले जाएंगे. दिल्ली में इस साल के अंत तक होने वाले एमसीडी चुनाव से पहले इस उपचुनाव के नतीजे अहम होंगे. आम आदमी पार्टी और कांग्रेस मोदी सरकार पर एमसीडी चुनाव को टालने का आरोप लगाती रही है. इस तरह राजेंद्र नगर सीट का उपचुनाव दिल्ली के एमसीडी चुनाव के लिए लिट्मस टेस्ट माना जा रहा है, जिसके चलते तीनों ही पार्टियों की साख दांव पर लगी हैं.
आम आदमी पार्टी पर राजेंद्र नगर सीट को जीतने के लिए सबसे ज्यादा दबाव है, क्योंकि यह सीट राघव चड्डा के इस्तीफे से खाली हुई है. 2020 के चुनाव में आम आदमी पार्टी के नेता राघव चड्ढा बीजेपी के आरपी सिंह को मात देकर विधायक बने थे, लेकिन पंजाब से राज्यसभा सांसद बनने के कारण उन्होंने सीट छोड़ दी. ऐसे में राजेंद्र नगर सीट पर हो रहे उपचुनाव में आम आमदी पार्टी, कांग्रेस और बीजेपी के बीच मुकाबला बन गया है.
दिल्ली की राजेंद्र नगर सीट पर बीजेपी ने अपने बड़े नेता राजेश भाटिया को चुनाव मैदान में उतारा है जबकि कांग्रेस से पूर्व पार्षद प्रेमलता चुनावी मैदान में हैं. वहीं, आम आदमी पार्टी से दुर्गेश पाठक किस्मत आजमा रहे हैं. पाठक दिल्ली एमसीडी चुनाव के लिए पार्टी के संयोजक हैं. तीनों ही पार्टियों ने राजेंद्र नगर सीट में अपने दिग्गज नेताओं को चुनावी मैदान में उतार रखा है, जिसके चलते कांटे की लड़ाई बन गई है.
आम आदमी पार्टी के संयोजक व दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल राजेंद्र नगर सीट पर दुर्गेश पाठक के पक्ष में चुनाव प्रचार के लिए दो बार रोड शो और रैलियां कर चुके हैं. केजरीवाल के अलावा सांसद संजय सिंह, दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया, राज्यसभा सांसद राघव चड्ढा सहित तमाम नेता दुर्गेश पाठक को जिताने के लिए डेरा जमा रखे हैं.
बीजेपी की ओर से सांसद गौतम गंभीर, सांसद दुष्यंत गौतम, दिल्ली बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष आदेश गुप्ता, केंद्रीय मंत्री मीनाक्षी लेखी, दिल्ली विधानसभा में विपक्ष के नेता रामबीर सिंह बिधूड़ी सहित तमाम बड़े नेता पार्टी के उम्मीदवार के लिए चुनाव प्रचार में जुटे हैं. कांग्रेस उम्मीदवार प्रेमलता के पक्ष में भी दिल्ली कांग्रेस के नेता उतरे हैं. हालांकि, राजेंद्र नगर उपचुनाव का मुख्य मुकाबला बीजेपी और आम आदमी पार्टी के बीच माना जा रहा.
बीजेपी और कांग्रेस राजेंद्र नगर सीट पर स्थानीय बनाम बाहरी का मुद्दा उठा रही है. बीजेपी और कांग्रेस ने राजेंद्र नगर सीट के स्थानीय नेता को उतारा है तो आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार दुर्गेश पाठक 2020 के विधानसभा चुनाव में करावल नगर सीट से चुनाव लड़े थे. इतना ही नहीं राजेंद्र नगर सीट के सामाजिक समीकरण में भी दुर्गेश पाठक नहीं फिट हो रहे हैं. यह सीट वैश्य और पंजाबी बहुल मानी जाती है जबकि दुर्गेश पाठक पूर्वांचली और ब्राह्मण है.
बीजेपी के राजेश भाटिया साल दो बार इस इलाके से निगम पार्षद रहे हैं और नॉर्थ एमसीडी में स्थाई समिति के अध्यक्ष भी रह चुके हैं. भाटिया ने दिल्ली बीजेपी में जमीनी पदों से राजनीति शुरू की और करोल बाग के जिला अध्यक्ष से लेकर प्रदेश महासचिव के पद तक पहुंचे. कांग्रेस उम्मीदवार प्रेमलता राजेंद्र नगर सीट के पूसा वार्ड से 2012 में निगम पार्षद का चुनाव जीती थीं, लेकिन 2017 में उन्हें इंद्रपुरी सीट से हार मिली थी. ऐसे में राजेंद्र नगर सीट का उपचुनाव स्थानीय बनाम बहारी का बना गया.
राजेंद्र नगर सीट पर शहरी क्षेत्र में पंजाबी मतदाता बड़ी संख्या में हैं जबकि गांवों में जाट, यादव और राजपूत मतदाताओं की भी अच्छी संख्या है. नारायणा इलाके में पूर्वांचली, पंजाबी, मुस्लिम, दलित और राजपूत मतदाताओं की आबादी अच्छी खासी है. इस सीट पर कई झुग्गी बस्तियां भी हैं और इनके मतदाताओं का वोट भी चुनाव में अहम होता है. राजेंद्र नगर विधानसभा सीट पर 3 बड़े गांव दसघरा, टोडापुर और नारायणा आते हैं.
दिल्ली में इस साल के अंत में नगर निगम के चुनाव होने है, जिसके चलते राजेंद्र नगर सीट के उपचुनाव में तीनों ही पार्टियों की साख दांव पर लगी है. इसीलिए बीजेपी से लेकर आम आदमी पार्टी और कांग्रेस ने दिल्ली की इस सीट पर चुनाव जीतने के लिए पूरी ताकत झोंक दी है. ऐसे में देखना है कि राजेंद्र नगर सीट पर आम आदमी पार्टी अपना कब्जा बनाए रखती है या बीजेपी कमल खिलाने में कामयाब रहेगी?