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दिल्ली में हुए BSF प्लेन क्रैश में मृत जवानों को गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने दी श्रद्धांजलि

राजनाथ सिंह ने सफदरजंग एयरपोर्ट पर शहीदों के परिजनों से मुलाकात की और उन्हें सांत्वना दी. कल बीएसएफ के चार्टर्ड प्लेन हादसे का शिकार हो गया था जिसमें 10 लोगों की मौत हो गई थी.

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राजनाथ ने शहीदों को दी श्रद्धांजलि
राजनाथ ने शहीदों को दी श्रद्धांजलि

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दिल्ली में मंगलवार सुबह एयरपोर्ट के पास बीएसएफ के चार्टर्ड प्लेन में मारे गए जवानों को गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने श्रद्धांजलि दी है. राजनाथ सिंह ने सफदरजंग एयरपोर्ट पर शहीदों के परिजनों से मुलाकात की और उन्हें सांत्वना दी. मंगलवार को बीएसएफ का सुपरकिंग चार्टर्ड प्लेन हादसे का शिकार हो गया था जिसमें 10 लोगों की मौत हो गई थी. हादसा द्वारका सेक्टर-8 के पास शाहबाद मोहम्मदपुर इलाके में मकान से टकराने के कारण हुआ था.

श्रद्धांजलि देने के बाद जब गृह मंत्री हादसे के शिकार जवानों के परिजनों से मिलने पहुंचे तो उनकी ओर से कई सवाल उठ खड़े हुए. एक लड़की ने पूछा कि आखिर इतना पुराना विमान क्यों इस्तेमाल किया जा रहा था? उनके विमान क्यों नहीं बदले जाते?

तभी दूसरा सवाल हुआ, एक सिपाही का परिवार ही हमेशा क्यों रोता है? क्यों सर? क्यों? ढांढस बढ़ाने आए राजनाथ ने उनके सवालों का कोई जवाब तो नहीं दिया लेकिन वह भी गमगीन दिखे. सवाल पूछने वाली वह लड़की हादसे में मारे गए रविंद्र कुमार की बेटी थी. वह वायु सेना से बीएसएफ में आए थे.

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर मृतकों के परिजनों को ढांढ़स बंधाया था. वहीं, गृह मंत्री राजनाथ सिंह और दिल्ली के उपराज्यपाल नजीब जंग ने भी कल ही घटनास्थल का दौरा किया था. बीएसएफ डीजी ने मृतकों के परिजनों को 20 लाख रुपये मदद का ऐलान किया है.

 

 

दिल्ली से रांची जा रहा था विमान
बीएसएफ का यह 10 सीटर सुपरकिंग विमान था, जो दिल्ली से रांची जा रहा था. दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से उड़ान भरने के कुछ ही देर बाद ग्राउंड कंट्रोल से इसका संपर्क टूट गया. माना जा रहा है कि इसी वजह से यह क्रैश हुआ. विमान में बीएसएफ के इंजीनियर और तीन अफसरों समेत 10 लोग सवार थे.

21 साल पुराना था विमान
डीजीसीए के मुताबिक यह सुपरकिंग विमान 1994 में बना था. डीजीसीए में इसके रजिस्ट्रेशन की तारीख 3 अगस्त 1995 लिखी गई है. नागरिक उड्डयन मंत्री महेश शर्मा ने हादसे पर अफसोस जताते हुए कहा कि मामले की जांच के आदेश दे दिए गए हैं. डीजीसीए ने भी मंत्रालय से अलग एक और जांच के आदेश दिए हैं.

इमरजेंसी लैंडिंग की मांगी थी इजाजत
सूत्रों के मुताबिक पायलट को विमान में कोई तकनीकी दिक्कत महसूस हुई थी. इसलिए उसने एयर ट्रैफिक कंट्रोल से इमरजेंसी लैंडिंग की भी इजाजत मांगी थी. पायलट को इसकी इजाजत दे दी गई थी, लेकिन वह इमरजेंसी लैंडिंग करा पाता इससे पहले ही हादसा हो गया.

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तालाब में की थी क्रैश लैंडिंग की कोशिश
बीएसएफ डीजी डीके पाठक ने बताया कि पायलट को तकनीकी गड़बड़ी महसूस होने और एयर ट्रैफिक कंट्रोल से संपर्क टूटने पर हादसे का अहसास हो गया था. इसलिए उसने सूझबूझ दिखाते हुए विमान की तालाब में क्रैश लैंडिंग की कोशिश कराई थी, ताकि रिहायशी इलाके में विमान न गिरे और बड़ा हादसा टाला जा सके. लेकिन वह सफल नहीं हो पाया. विमान का एक हिस्सा तालाब में गिरा.

इसलिए जा रहा था रांची
विमान रांची के नक्सल प्रभावित इलाके में खराब हो गए एक हेलीकॉप्टर को ठीक करने के लिए टेक्निकल स्टाफ को लेकर रांची जा रहा था. क्रैश के चार घंटे बाद करीब डेढ़ बजे सभी 10 शव निकाल लिए गए. सात उस तालाब में मिले, जहां विमान गिरा और तीन बाहर.

हादसे में इनकी मौत
मृतकों में कैप्टन भगवती प्रसाद, एसएसबी से डेपुटेशन पर बीएसएफ में आए को पायलट राजेश शिवरेन, डिप्टी कमांडेंट- डी कुमार सहित बीएसएफ स्टाफ राघवेंद्र कुमार, रवींद्र कुमार, एसएन शर्मा, छोटे लाल, डीपी चौहान, सुंदर सिंह और के. रावत शामिल हैं.

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