मोदी सरकार ने बड़ा फैसला लेते हुए दिल्ली के राजपथ का नाम बदलने का फैसला किया है. अब से राजपथ को कर्तव्य पथ कहा जाएगा. 7 सितंबर को NDMC की एक अहम बैठक होने वाली है, उस मीटिंग में ही सरकार के इस फैसले पर मुहर लगा दी जाएगी.
राजपथ का नाम बदलने का फैसला
कहा जा रहा है कि जब से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाल किले की प्राचीर से गुलामी की हर चीज से मुक्त होने की बात कही है, तभी से राजपथ के नाम बदलने पर भी मंथन शुरू हो गया था. इसी कड़ी में सरकार ने अब कई सालों बाद राजपथ को कर्तव्य पथ नाम देने का ऐलान कर दिया है. नेताजी स्टैच्यू से लेकर राष्ट्रपति भवन तक जो पूरी रोड जाती है, उसे कब कर्तव्य पथ कहा जाएगा.
गुलामी की हर चीज से मुक्ति वाली पहल
अभी तक सरकार ने इसका औपचारिक ऐलान नहीं किया है. लेकिन NDMC की बैठक में इसे हरी झंडी दिखा दी जाएगी. इससे पहले भी सरकार ने ऐसे ही कई स्थानों के नाम बदले हैं. मोदी सरकार के आते ही रेड कोर्स रोड का नाम बदल लोक कल्याण मार्ग कर दिया गया था. कई रेलवे स्टेशनों के नाम भी ऐसे ही बदले गए हैं. सरकार का तर्क है कि आजादी के 75 साल बाद गुलामी का कोई भी प्रतीक नहीं रहना चाहिए, सबकुछ न्यू इंडिया वाले विजन को ताकतवर करने वाला साबित होना चाहिए.
वैसे हर कोई नाम बदले जाने से खुश नहीं है. आरजेडी नेता मनोज कुमार झा ने तंज कसते हुए कहा है कि पहले रेस कोर्स रोड लोक कल्याण मार्ग बना...अब राजपथ कर्तव्य पथ हो चला लेकिन आज की सबसे बड़ी चुनौतियों मसलन बेरोज़गारी,मंहगाई/बिगड़ते सामाजिक सौहार्द पर इसका पॉजिटिव प्रभाव हो तो सब स्वीकार्य है.लोकोन्मुख सरोकारों पर चुप्पी और काबिलियत सिर्फ सड़कों के नाम बदलने की हो तो क्या कहें?
सेंट्रल विस्टा परियोजना है खास
सेंट्रल विस्टा परियोजना की बात करें तो सरकार ने सितंबर 2019 में इसकी घोषणा की थी. फिर अगले साल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसकी आधारशिला भी रख दी. अब खबर है कि आठ सितंबर को पीएम मोदी विजय चौक से इंडिया गेट तक पूरे खंड का उद्घाटन करने वाले हैं.